मादा तेंदुए समेत 7 वन्यजीवों की जहर से मौत

भंडारा मादा तेंदुए समेत 7 वन्यजीवों की जहर से मौत

Bhaskar Hindi
Update: 2022-02-06 13:34 GMT
मादा तेंदुए समेत 7 वन्यजीवों की जहर से मौत

डिजिटल डेस्क, भंडारा। अड्याल वन परिक्षेत्र के तहत आनेवाले केसलवाडा के पिंपलगांव(निपानी) के गट क्रमांक 740 में शनिवार को दोपहर 1 बजे के दौरान मादा तेंदुआ, तीन जंगली श्वान, दो लोमड़ी तथा जंगली बिल्ली समेत कुल सात वन्यजीव मृत अवस्था में मिले है। एकसाथ सात वन्यजीवों की मृत्यु की घटना से वन विभाग में हड़कंप मचा है। इस घटना की जानकारी मिलते ही वनविभाग के अड्याल वन परिक्षेत्र के अधिकारी घनश्याम ठोंबरे ने अपने टीम व नवेगांव-नागझिरा व्याघ्र प्रकल्प के श्वानदल के साथ तत्काल घटनास्थल पर पहुंचकर घटना का मुआयना किया। प्राथमिक जांच में उक्त सभी वन्यजीव परिसर के घटनास्थल से दो किमी के दायरे में मृत अवस्था में मिले है। जिससे किसी मृत बकरी का मांस खाने से हुई विषबाधा के कारण मृत्यु होने की आशंका जतायी गई है। इसके पूर्व 3 फरवरी को स्थानीय पलाड़ी-माथडी मार्ग पर भंडारा वन परिक्षेत्र के बी 2(रुद्रा)नामक बाघ की करंट लगने से मृत्यु हुई है। ऐसे में शनिवार, 5 फरवरी को अड्याल वन परिक्षेत्र के केसलवाडा के पिपलगांव(निपानी) के गट क्रमांक 740 में मादा तेंदुआ, तीन जंगली श्वान, दो लोमड़ी तथा जंगली बिल्ली समेत कुल सात वन्यजीवों की मृत्यु की घटना सामने आई है। घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग के अधिकारियों ने घटनास्थल पर पहुंचकर घटना का मुआयना किया तथा पवनी के पशु चिकित्सालय के डाॅ.सचिन भोयर, लाखनी के पशुधन विकास अधिकारी डाॅ.गुणवंत भडके, मानेगांव के पशुधन विकास अधिकारी डाॅ.विट्ठल हटवार, परवनी पंचायत समिति के पशुधन विकास अधिकारी डाॅ.वी.वी. चव्हाण, लाखांदुर के डाॅ.एन.एस. सोनकुसरे की टीम ने उक्त सभी वन्यजीवों का शव विच्छेदन कर सभी का अंतिम संस्कार किया गया। इस समय प्रधान मुख्य वनसंरक्षक(वन्यजीव) के प्रतिनिधि के रूप में सहायक वन संरक्षक वाय.बी. नागुलवार, मानद वन्यजीव रक्षक शाहीद खान, भंडारा वन परिक्षेत्र के वन परिक्षेत्र अधिकारी विवेक राजुरकर, लाखांदुर के वन परिक्षेत्र अधिकारी रूपेश गावित, उड़नदस्ता दल के वन परिक्षेत्र अधिकारी संजय मेंढे सहित कर्मचारी उपस्थित थे। इस मामले में भंडारा के उपवनसंरक्षक कुलराज सिंह के मार्गदर्शन में में अड्याल के वन परिक्षेत्र अधिकारी घनश्याम ठोंबरे कर रहे हैं। फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट आनी है, जिसके बाद वन्यजीवों के मृत्यु के सही कारणों का पता चल पाएगा।

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