RBI में विकलांगों के लिए 'आरक्षित पद' नहीं, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

RBI में विकलांगों के लिए 'आरक्षित पद' नहीं, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-24 14:57 GMT
RBI में विकलांगों के लिए 'आरक्षित पद' नहीं, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने विकलागों के लिए कानून के मुताबिक पद आरक्षित न करने पर रिजर्व बैंक आफ इंडिया (RBI) से जवाब मांगा है। सामाजिक कार्यकर्ता राजू वाघमारे ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में दावा किया गया है कि रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने पिछले दिनों 632 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। पर्सन विथ डिसेबिलिटी एक्ट 2016 के मुताबिक कुल पदों में से 4 प्रतिशत पद विकलांगों के लिए आरक्षित किए जाने चाहिए थे। लेकिन आबीआई ने सिर्फ तीन प्रतिशत पद ही विकलांगों के लिए आरक्षित किए, जो कि नियमों के खिलाफ है।

दिव्यांगों के लिए पद आरक्षित नहीं 

याचिका के अनुसार विकलांगों के लिए बनाए गए नए कानून के मुताबिक एसिड हमले का शिकार, मानसिक रुप से कमजोर, कुष्ठ रोग से ठीक हुए लोगों के अलावा अन्य लोगों को भी विकलांगो की श्रेणी में शामिल किया गया है। लेकिन रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने नेत्रहीन, मुक-बधिर व शारिरीक रुप से विकलांग लोगों को ही दिव्यांगों की श्रेणी में शामिल किया है। यह नए कानून के प्रवाधानों के खिलाफ है। लिहाजा रिजर्व बैंक आफ इंडिया को निर्देश दिया जाए कि दिव्यांगों की श्रेणी में एसिड हमले का शिकार व दूसरे लोगों को भी शामिल किए जाए अौर चार प्रतिशत पद विकालंगों के लिए आरक्षित किए जाए। 

27 नवंबर तक स्थगित सुनवाई

शुक्रवार को न्यायमूर्ति शांतनु केमकर और न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ के सामने याचिका सुनवाई के लिए आई। याचिका में उल्लेखित किए गए तथ्यों पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने रिजर्व बैंक आफ इंडिया इस मामले में अपना रुख स्पष्ट करने को कहा। खंडपीठ ने फिलहाल मामले की सुनवाई की सुनवाई 27 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी है। खंडपीठ ने कहा कि हम इस याचिका पर रिजर्व बैंक आफ इंडिया का पक्ष सुनने के बाद अंतरिम आदेश जारी करेंगे। 

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