खुलासा : कीटनाशक से मरने वालों की लिस्ट में आत्महत्या करने वाले 4 किसानों के नाम

खुलासा : कीटनाशक से मरने वालों की लिस्ट में आत्महत्या करने वाले 4 किसानों के नाम

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-24 16:19 GMT
खुलासा : कीटनाशक से मरने वालों की लिस्ट में आत्महत्या करने वाले 4 किसानों के नाम

डिजिटल डेस्क, मुंबई। यवतमाल में कथित तौर पर खतरनाक कीटनाशकों से हुई किसानों की मौत की जांच के लिए गठित SIT की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक कीटनाशक पीड़ितों की सूची में उन चार किसानों के भी नाम शामिल हैं, जिन्होंने पहले ही आत्महत्या कर ली थी। इस बात का खुलासा एक अधिकारी ने किया है। इस मामले में राज्य कृषि विभाग में नियुक्त वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने आरोप लगाया कि आत्महत्या के उन मामलों को कीटनाशकों के पीड़ितों के रुप में दर्शाया गया है।

यवतमाल कीटनाशक मौत मामले कि SIT रिपोर्ट में खुलासा

अधिकारी के अनुसार रिपोर्ट हाल ही में सरकार को सौंपी गई है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कई विभागों ने मानक संचालन प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया गया। इन विभागों में गृह महकमा भी शामिल हैं। जिसके प्रमुख राज्य के मुख्यमंत्री हैं। कपास के पौधों पर कीटनाशकों के छिडकाव के दौरान सांस में घातक रसायन जाने से करीब 21 लोगों की मौत हो गई थी। करीब 400 किसान और श्रमिक बीमार हो गए थे। अकेले यवतमाल में ही बड़ी संख्या में किसानों ने आत्महत्याएं भी की हैं।

जल्दी ही सार्वजनिक की जाएगी रिपोर्ट

राज्य कृषि विभाग में नियुक्त एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने आरोप लगाया कि आत्महत्या के उन मामलों को कीटनाशकों के पीडित के रुप में दर्शाने का जानबूझकर प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा दिए जाने वाले मुआवजे की राशि में अनियमितता के लिए ऐसा किया गया।  SIT की रिपोर्ट को जल्दी ही सार्वजनिक किया जाएगा। उसके पहले सरकार के अधिकारी अगले हफ्ते एक उच्चस्तरीय बैठक करेंगे।

प्रभावितों को मिली मदद

इससे पहले यवतमाल मेंं कीटनाशक के कारण यवतमाल जिले में 21 किसान और मजदूरों की मौत हुई और 828 लोग प्रभावित हुए थे। इसमें 19 मृतकों के परिवारों को दो-दो लाख रुपए की मदद दी गई। इसी तरह पीड़ितों को इलाज के लिए 5 हजार रुपए की मदद दी गई थी। कृषि विभाग के सचिव के हवाले से कोर्ट में दायर शपथपत्र में बताया गया था कि ऐसे हादसों को रोकने के लिए प्रदेश सरकार विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों में जागरूकता लाने की कोशिश कर रही है।

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