मुद्रा बैंक योजना के प्रचार-प्रसार और मराठवाड़ा वॉटर ग्रिड परियोजना के लिए खर्च होंगे कुल 4 करोड़ 

मुद्रा बैंक योजना के प्रचार-प्रसार और मराठवाड़ा वॉटर ग्रिड परियोजना के लिए खर्च होंगे कुल 4 करोड़ 

Bhaskar Hindi
Update: 2018-03-18 13:41 GMT
मुद्रा बैंक योजना के प्रचार-प्रसार और मराठवाड़ा वॉटर ग्रिड परियोजना के लिए खर्च होंगे कुल 4 करोड़ 

डिजिटल डेस्क, मुंबई।  प्रदेश सरकार ने मुद्रा बैंक योजना के प्रचार व प्रसार करने के लिए चार जिलों को 1 करोड़ 6 लाख रुपए मंजूर किया है। इसके अनुसार बुलढाणा को 32 लाख 89 हजार, नाशिक को 19 लाख 54 हजार, सातारा को 20 लाख और रत्नागिरी को 33 लाख 60 हजार रुपए की निधि दी गई है। प्रदेश सरकार के नियोजन विभाग ने इससे संबंधित शासनादेश जारी किया है। इन चारों जिलों को साल 2017-18 के लिए निधि उपलब्ध कराई गई है। राज्य में जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में मुद्रा बैंक योजना समन्वय समिति बनाई गई है। इस समिति के माध्यम से ग्रामीण, सुदूर और दुर्गम इलाकों में मुद्रा बैंक योजना का लाभ जरूरतमंद व्यक्ति को पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। सरकार ने कहा है कि आवंटित निधि को खर्च करते समय वित्त विभाग के नियमों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए। यह निधि जिलाधिकारी के देखरेख में खर्च की जाएगी। 

मराठवाड़ा वॉटर ग्रीड परियोजना के लिए 3 करोड़ 
मराठवाड़ा की वॉटर (पानी) ग्रीड परियोजना के लिए इजराइल की कंपनी को 3 करोड़ 17 लाख रुपए मंजूर किए गए हैं। राज्य सरकार ने मराठवाड़ा में ग्रीड पद्धति से गांवों तक पानी पहुंचाने के लिए पूर्व व्यवहार्यता डीपीआर (प्री-फिजिबिलिटी रिपोर्ट) तैयार करने के लिए यह निधि दिया है। यह रिपोर्ट इजराइल की मेकोरोट डेवलपमेंट एण्ड एंटरप्राइजेस लिमिटेड कंपनी तैयार कर रही है। इसके लिए सरकार और इजराइल की कंपनी में करार हुआ है। महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण के माध्यम से यह निधि कंपनी को दी जाएगी। प्रदेश सरकार के जलापूर्ति व स्वच्छता विभाग ने इजराइल की कंपनी को निधि आवंटित करने के लिए शासनादेश जारी किया है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि निधि जिस उद्देश्य के लिए आवंटित की जा रही है। उसका इस्तेमाल उसी काम के लिए होना चाहिए। यदि इस काम में खर्च बढ़ेगा तो सरकार की तरफ से अतिरिक्त निधि उपलब्ध नहीं कराई जाएगी। मराठवाड़ा में बीते कई सालों से लगातार सूखे और जलसंकट का सामना लोगों को करना पड़ता है। पानी समस्या से निपटने के लिए राज्य मंत्रिमंडल ने 4 अक्टूबर 2016 को ग्रीड पद्धति से जलापूर्ति करने की योजना को सैद्धांतिक मंजूरी दी थी। इसके अनुसार प्रदेश के जलापूर्ति व स्वच्छता मंत्री बबनराव लोणीकर की अध्यक्षता में पूर्व व्यवहार्यता डीपीआर तैयार करने के लिए समिति गठित की गई है। सरकार ने इस परियोजना के काम के लिए साल 2017 के विधानमंडल के दूसरे अधिवेशन में अनुपूरक मांगों के माध्यम से 15 हजार करोड़ रुपए मंजूर कराया था। 
 

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