2017 में मुंबई पर भारी पड़ी 29 तारीख, ये हुए बड़े हादसे

2017 में मुंबई पर भारी पड़ी 29 तारीख, ये हुए बड़े हादसे

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-29 15:51 GMT
2017 में मुंबई पर भारी पड़ी 29 तारीख, ये हुए बड़े हादसे

डिजिटल डेस्क, मुंबई। दुष्यंत मिश्र। भारत की वित्तीय राजधानी को इस साल तीन भीषण त्रासदी- मूसलाधार बारिश, भगदड और भीषण आग का सामना करना पडा और ये सभी 29 तारीख को हुई। इस तारीख को दुखद घटना की शुरुआत 29 अगस्त को हुई थी, जब जोरदार बारिश से मुंबई में हर तरफ जलजमाव से रेल, सडक और विमान सेवा बाधित हो गयी, पेड उखड गए और हजारों मुंबईवासी जहां तहां फंस गए। मुंबई और आसपास के इलाके में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गयी थी। ठीक एक महीने बाद, 29 सितंबर को एलफिन्सटन रोड और परेल स्टेशनों को जोडने वाले एक पुल पर भगदड मचने से 23 लोगों की जान चली गयी । एक बार फिर गुरुवार की रात 29 तारीख की त्रासदी ने लोगों को मायूस कर दिया। कमला मिल हादसे में जिन 14 लोगों ने अपनी जान गंवाई हैं, उन सभी की अपनी कहानी है। कोई जन्मदिन का जश्न मना रहा था, नए साल का स्वागत करने मुंबई आया था। तो कोई आग में फंसे अपनों को बचाने की कोशिश में मारा गया। प्रशासन और पब मालिकों की लापरवाही इन सभी जिंदगियों पर भारी पड़ी।

29 वें जन्मदिन की पार्टी साबित हुई आखिरी

खुशबू मेहता अपने परिवार और दोस्तों के साथ होटेल मोजेस बिस्त्रो रेस्टारेंट एंड पब में पार्टी करने पहुंची थीं। 28 दिसंबर को उनका 29वां जन्मदिन था लेकिन जन्मदिन का जश्न मातम में बदल गया और खुशबू भी उन बदनसीब लोगों में शामिल हो गईं जिन्होंने इस हादसे में अपनी जान गंवा दी। खुशियां साझा करने साथ गए उनके अपनों पर गम का पहाड़ टूट पड़ा। 

अधूरा रह गया मुंबई में नए साल के स्वागत का सपना

गुजरात के अहमदाबाद की रहने वाली 22 साल की यशा ठक्कर इस बार नए साल का जश्न मुंबई में मनाने के लिए आईं थीं। वे अपने चचेरे भाई बहनों के साथ रेस्टारेंट में खाना खाने पहुंची थी तभी आग लग गई। यशा के साथ आए लोग तो किसी तरह बच गए लेकिन उनकी दम घुटने के चलते मौत हो गई। 

न्यूयार्क से मौत खींच लाई मुंबई

26 साल के घैर्य लालानी और 23 साल की विश्व लालानी अपनी 70 साल की बुआ प्रमीला केडिया के साथ वन एबव होटल में पार्टी के लिए गए थे। आग लगने के बाद दोनों भाई तो बाहर आ गए लेकिन उन्होंने देखा कि बुआ प्रमीला अंदर फंस गईं हैं। दोनों फिर से भीतर गए और बाद में बाथरुम में दमकल विभाग को तीनों का शव मिला। तीनों के शरीर पर जलन के कहीं निशान नहीं थे उनकी मौत दम घुटने के चलते हुई थी। धैर्य और विश्व दोनों अमेरिकी नागरिक थे। धैर्य कुछ दिनों पहले ही न्यूयार्क से मुंबई आया था जबकि उसका छोटा भाई करीब एक साल से यहां रह रहा था। 

दोस्त करते रह गए इंतजार

हादसे में अपनी जान गंवाने वालों में प्राची खेतानी (30) भी शामिल हैं। प्राची भी हाल ही में अमेरिका से मुंबई आईं थीं। गुरूवार रात वे अपने दोस्तों के साथ पब में गईं थी। आग लगने के बाद उनके सारे दोस्त बाहर की तरफ भागे जबकि प्रीति बाथरुम में चलीं गईं। उन्होंने दोस्तों को फोन कर बताया कि वे बिल्कुल ठीक हैं और कुछ देर में बाहर  आ जाएंगी। लेकिन बाद में उनका शव बाथरुम से बरामद हुआ। 

हमेशा के लिए छूटा मां का हाथ

हादसे में अपनी जान गंवाने वालों में प्रीति राजगड़ियां (49) भी हैं। प्रीति अपनी बेटी रुचि के साथ रेस्टारेंट में खाना खाने आईं थीं। इसी दौरान आग लगी। कर्मचारी आग-आग कर चिल्लाए तो रेस्टारेंट के इकलौते गेट पर लोगों की भीड़ लग गई। हर शख्स दूसरे को पीछे छोड़कर बाहर निकलने की कोशिश करने लगा। धक्कामुक्की में प्रीति से रुचि का हाथ छूट गया। बाद में रुचि तो बाहर आ गईं लेकिन प्रीति की दम घुटने के चलते मौत हो गई। प्रीति के भाई अजय अग्रवाल के मुताबिक वे शायद अपनी बेटी को खोजने की कोशिश में अंदर फंसी रह गई।  

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