यवतमाल-सांगली में बनेगा खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, विदर्भ-मराठवाडा के लिए केंद्र से मांगेंगे 25 हजार करोड़

यवतमाल-सांगली में बनेगा खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, विदर्भ-मराठवाडा के लिए केंद्र से मांगेंगे 25 हजार करोड़

Bhaskar Hindi
Update: 2018-09-11 15:00 GMT
यवतमाल-सांगली में बनेगा खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, विदर्भ-मराठवाडा के लिए केंद्र से मांगेंगे 25 हजार करोड़

डिजिटल डेस्क, मुंबई। यवतमाल और सांगली में खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय की स्थापना के लिए राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। मंत्रिमंडल ने महाविद्यालय कि स्थापना के लिए वेतन समेत कुल 102 करोड़ 8 लाख रुपए खर्च को स्वीकृति दी है। इन महाविद्यालयों में प्रवेश क्षमता प्रति वर्ष 40 विद्यार्थियों की रहेगी। महाविद्यालयों के लिए शिक्षक के 47 पद और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के 83 सहित 103 पदों को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है। इसके बाद नए पदों के सृजन को उच्च स्तरीय समिति मंजूरी देगी। सरकार के इस फैसले से खाद्य तकनीशियन, विशेषज्ञ प्रशिक्षण, खाद्य निरीक्षक व कृषि सहायक जैसे पदों पर कार्य करने के लिए मानव संस्थान निर्मित करने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को गति मिल सकेगी। 

विदर्भ-मराठवाडा के लिए केंद्र से मांगेंगे 25 हजार करोड़

प्रदेश सरकार विदर्भ और मराठवाड़ा के लिए 15 वें वित्त आयोग से 25 हजार करोड़ रुपए की मांग करेगी। मंगलवार को मंत्रालय में प्रदेश के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने यह जानकारी दी। मुनगंटीवार ने कहा कि इस साल 2018-19 में प्रदेश सरकार की तरफ से केंद्र सरकार द्वारा गठित 15 वें वित्त आयोग के पास निधि के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा। इसमें विदर्भ और मराठवाड़ा के लिए विशेष पैकेज के रूप में 25 हजार करोड़ रुपए की मांग की जाएगी।उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि वित्त आयोग यह धनराशि मंजूर करेगा। मुनगंटीवार ने कहा कि प्रदेश के दूसरे अचंलों की अपेक्षा विदर्भ और मराठवाड़ा के कई जिले अभी भी पिछड़े हैं। यहां पर उद्योग बड़े पैमाने पर नहीं है।

मानव विकास सूचकांक के अनुसार राज्य की 125 तहसीलें ऐसी हैं जहां पर शिक्षा, स्वास्थ्य और प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने की दिशा में बहुत अधिक काम करने की जरूरत है। इसमें से अधिकांश तहसीलें विदर्भ और मराठवाड़ा की हैं। मुनगंटीवार ने कहा कि राज्य में आने वाले अधिकांश उद्योग मुंबई, पुणे और नाशिक जैसे बड़े शहरों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। इसलिए हमें विदर्भ और मराठवाड़ा की ओर ध्यान देने की जरूरत है। विदर्भ के लोगों को केवल खनिज संपदा पर निर्भर रहना पड़ता है। मुनगंटीवार ने कहा कि नागपुर के मिहान में नए उद्योग लाने का प्रयास सरकार कर रही है। लेकिन इसका असर दिखाई देने में थोड़ा समय लगेगा। 

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