शराब ठेकेदार के मुनीम की हत्या कर 22 लाख की लूट

5 बदमाश दिन-दहाड़े शहर के बीच से वारदात कर हुए फरार शराब ठेकेदार के मुनीम की हत्या कर 22 लाख की लूट

Bhaskar Hindi
Update: 2023-03-06 17:21 GMT

सतना। लाइसेंसी शराब के बड़े ठेकेदार भाटिया ग्रुप की कंपनी रोजवुड्स सप्लायर के मुनीम संजय कुमार सिंह पिता विश्राम सिंह (57) निवासी राउरकेला-उड़ीसा, को नकाबपोश बदमाशों ने व्यस्ततम सर्किट हाउस चौक से 100 मीटर की दूरी पर संचालित सेंट्रल बैंक के सामने दिन-दहाड़े गोली मारकर 22 लाख रुपए लूट लिए और पिस्टल लहराते हुए दो बाइकों से भाग निकले। बदमाशों ने मुनीम की कनपटी, पेट और पीठ में 4 गोली मारीं। होली के दो दिन पहले दिन-दहाड़े हुई वारदात से शहर में दहशत फैल गई, तो पुलिस भी सकते में आ गई है। अपराधियों की धर-पकड़ के लिए जिले के सभी थानों के साथ ही रीवा, पन्ना और यूपी के सीमावर्ती जिलों की पुलिस को अलर्ट किया गया है। जगह-जगह नाकाबंदी कर वाहन चेकिंग की जा रही है, तो संदिग्ध वाहनों और लोगों की धर-पकड़ कर पूछताछ भी हो रही है। विंध्य की औद्योगिक नगरी को दहलाने वाले अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के लिए रीवा रेंज के एडीजीपी केपी वेंकटेश्वर राव और डीआईजी मिथिलेश शुक्ला सतना पहुंचकर जांच में शामिल हो गए हैं।
छुट्टी के बाद आज ही ड्यूटी पर आया था मुनीम -
पुलिस ने बताया कि संजय सिंह बीते 6 सालों से भाटिया ग्रुप में मुनीम की नौकरी कर रहे थे। उनका परिवार राउरकेला में ही रहता है। पत्नी ममता सिंह एक सप्ताह पहले सतना आई थीं, जिस पर संजय मैहर और प्रयागराज घुमाने ले गए थे। सोमवार सुबह यूपी से लौटने के बाद वे ड्यूटी पर पहुंच गए।
ऐसे हुई घटना ---
हमेशा की तरह संजय सिंह कंपनी की कार (सीजी 10 एएस 8169) से ड्राइवर दिनेश बारी निवासी सोहावल के साथ दोपहर डेढ़ बजे कंपनी के पेप्टेक सिटी स्थित कार्यालय से बैग में लगभग 22 लाख रुपए लेकर डायवर्सन रोड पर नगर निगम कार्यालय के सामने संचालित सेंट्रल बैंक की ब्रांच में जमा करने के लिए रवाना हुए थे। तकरीबन 1 बजकर 40 मिनट पर गाड़ी से दोनों लोग बैंक पहुंचे, लेकिन ड्राइवर ने गेट से कुछ पहले ही गाड़ी रोक दी और नीचे उतरकर अंदर चला गया। इसी बीच 3 नकाबपोश गाड़ी के पास आए और बीच का गेट खोलकर मुनीम से बैग छीनने लगे, मगर संजय ने पूरी ताकत से बैग पकड़ लिया। तब पीली पगड़ी पहने बदमाश ने पिस्टल से पेट में गोली मार दी। इसके बाद भी मुनीम ने बैग नहीं छोड़ा तो बदमाशों ने पेट और पीठ पर दो गोली मारने के साथ बायीं कनपटी पर पिस्टल लगाकर फायर कर दिया, जिससे गोली सिर के आरपार हो गई और मुनीम संजय ने मौके पर दम तोड़ दिया। जिसके बाद लुटेरे बैग उठाकर पिस्टल लहराते हुए सड़क के दूसरी तरफ खड़ी पल्सर बाइक पर बैठकर झंकार टॉकीज की तरफ से बरदाडीह चौक से मुड़कर शुक्ला होते हुए बाइपास में कहीं गायब हो गए। पूरी वारदात के दौरान सीडी 110 बाइक पर दो बदमाश वैन के सामने खड़े होकर पिस्टल लहरा रहे थे, जिससे कोई भी आगे नहीं आया। नकदी हाथ में आते ही उक्त अपराधी भी पीछे-पीछे निकल गए।

घटना स्थल से 3 खोखे मिले-
पुलिस को घटना स्थल से आटोमेटिक पिस्टल के 3 खोखे मिले हैं, जिनमें से एक गाड़ी की ड्राइवर सीट के बगल में पड़ा था, जबकि दो खोखे लाश के पास से मिले। कुछ गोलियां मृतक के शरीर में फंसी हो सकती हैं। वारदात में बदमाशों ने 7.65 बोर की पिस्टल और गोलियों का इस्तेमाल किया है, जो अक्सर पेशेवर अपराधी रखते हैं। 7 से 8 राउंड फायर होने की बात सामने आ रही है। देर शाम रीवा से आए वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. आरपी शुक्ला ने लाश और घटना स्थल का मुआयना किया।
साढ़े तीन घंटे पहले शहर में घुसे थे बदमाश-
सनसनीखेज वारदात के बाद जब पुलिस ने घटनास्थल से लेकर बदमाशों के भागने के रास्ते पर लगे सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू किए तो पता चला कि पांचों अपराधी सोमवार सुबह लगभग 10 बजे बाइपास से शुक्ला बरदाडीह के रास्ते शहर में घुसे। सभी ने बरदाडीह चौराहे के पास ठेले पर चाट भी खाई और लगभग 11 बजे सेंट्रल बैंक के सामने पहुंच गए। लगभग साढ़े तीन घंटे तक लुटेरे बैंक और एटीएम के आसपास घूमते रहे। कैमरों के फुटेज और स्थानीय दुकानदारों से पूछताछ में इस बात की पुष्टि भी हुई है। पांच में से एक बदमाश जो पल्सर बाइक चला रहा था उसने चेहरा नहीं ढक रखा था, जबकि सफेद शर्ट-पैंट पहने बदमाश की गतिविधियां गैंग लीडर की तरह लग रहीं थीं। मुनीम की हत्या कर बैग हथियाने के पश्चात सफेद कपड़े वाला बदमाश सड़क पार कर सबसे आखिर में गाड़ी में बैठा।
पेशेवर अपराधियों का तरीका-
आटोमेटिक पिस्टलों से खुलेआम फायरिंग कर शहर के बीच से हत्या कर लूट करने के बाद तूफानी रफ्तार से गायब हुए बदमाश किसी पेशेवर गिरोह के सदस्य लग रहे हैं, जो वारदात से कई दिन पहले रेकी कर बैंक तक आने-जाने के रास्ते, पुलिस की सक्रियता और शराब कंपनी के कर्मचारियों की गतिविधियों को भांप चुके थे। बदमाशों को इस बात का भी अंदाजा था कि शनिवार को शाम 6 बजे के बाद से लेकर रविवार रात 11 बजे तक की बिक्री की रकम सोमवार को ही जमा होगी, जिससे बड़ा हाथ मारा जा सकता है। इस घटना में शराब कंपनी के किसी भेदिए के शामिल होने की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।
ड्राइवर से घंटों पूछताछ-
बताया गया है कि कैश जमा करने के लिए अक्सर संजय और दिनेश बैंक आते थे, मगर हमेशा ड्राइवर गाड़ी में बैठा रहता था और मुनीम संजय कैश लेकर अंदर जाते थे, लेकिन सोमवार दोपहर को ड्राइवर ने वैन को बैंक के पहले रोक दिया और खुद नीचे उतरकर बैंक के अंदर चला गया। वहीं कुछ मिनट बाद वापस आया, तब तक बदमाश वारदात को अंजाम दे रहे थे। यह देखकर ड्राइवर दिनेश अपनी जान बचाने के लिए गाड़ी से कुछ दूर पर छिप गया था। वहीं जब घटना के बाद पुलिस ने वैन को कोतवाली ले जाने के लिए कहा तो काफी देर तक स्टार्ट नहीं हुई। अंतत: धक्का देकर गाड़ी को चालू किया गया। ड्राइवर की गतिविधियों को देखते हुए एडीजीपी केपी वेंकटेश्वर राव, डीआईजी मिथिलेश शुक्ला और एसपी आशुतोष गुप्ता देर शाम तक कोतवाली इंचार्ज के दफ्तर में उससे पूछताछ करते रहे।
दौड़ाई गईं 15 टीमें-
लूट और हत्याकांड की पड़ताल के लिए 15 टीमों को दौड़ाया गया है। आधा दर्जन टीमें रीवा के अलावा यूपी के चित्रकूट, बांदा और प्रयागराज की तरफ रवाना की गई हैं, तो अन्य टीमों को कंपनी के सभी नए-पुराने और निकाले गए कर्मचारियों की जानकारी जुटाने, सीसीटीवी फुटेज खंगालने तथा स्थानीय अपराधियों की संलिप्तता के सुराग जुटाने का टास्क दिया गया है। साइबर टीम भी सभी संभव तरीकों से जांच में सहयोग कर रही है। रीवा, पन्ना और यूपी पुलिस का सहयोग लिया जा रहा है। ऐसे अपराधों में लिप्त रहे हिस्ट्रीशीटरों की कुंडली खंगाली जा रही है। उधर शराब कंपनी के लोग लूटी गई रकम की गणना में जुटे हैं।
इनका कहना है-
हत्या और लूट की घटना की जांच के लिए 15 विशेष टीमें बनाई गई हैं, जिनको रीवा और यूपी की तरफ भेजा गया है। अपराधियों तक पहुंचने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। पड़ोसी जिलों और यूपी की पुलिस को भी अलर्ट किया गया है।
आशुतोष गुप्ता, एसपी

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