सीबीएसई स्कूल स्टाफ के लिए प्राधिकरण की मांग
1 नंवबर को जनआंदोलन सीबीएसई स्कूल स्टाफ के लिए प्राधिकरण की मांग
डिजिटल डेस्क, नागपुर। सीबीएसई स्कूलों में काम करने वाले पूरे स्टाफ को बड़े पैमाने पर पेशेवर शोषण का शिकार होना पड़ रहा है। महाराष्ट्र में सीबीएसई स्कूलों के शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की शिकायतों के निवारण के लिए महाराष्ट्र के किसी भी कोने में ऐसा कोई स्कूल प्राधिकरण नहीं है। इसलिए पूरे महाराष्ट्र में सीबीएसई स्कूलों के शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के लिए एक स्कूल प्राधिकरण की स्थापना समय की मांग बन गई है। यह बात सिस्वा की अध्यक्ष दीपाली डबली ने कही। वे धंतोली स्थित पत्रकार क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में बोल रही थीं। महाराष्ट्र के सीबीएसई कर्मचारियों की सभी व्यावसायिक मांगों को तुरंत और प्रभावी ढंग से पूर्तता करने हेतु सीबीएसई स्कूल्स स्टाफ वेलफेयर एसोसिएशन (सिस्वा) की कार्यकारणी समिति द्वारा 1 नवंबर को संविधान चौक पर "जन आंदोलन" 3 से 5 बजे तक किया गया है।
शीतकालीन अधिवेशन में उठेगा मुद्दा
अध्यक्ष दीपाली डबली ने आगे कहा कि विभिन्न छुट्टियों जैसे- सीएस, चिकित्सा, अर्जित, मातृत्व आदि का एक समान कार्यन्वयन किया जाना चाहिए। काम के समय, स्कूल का समय आदि का समान वितरण होना चाहिए। गर्मी, दिवाली, क्रिसमस, दूसरे और चौथे शनिवार छुट्टी अवधि में एकरूपता होनी चाहिए।
कई बातों में एकरूपता नहीं
सिस्वा संस्थापक एडवोकेट संजय काशीकर ने कहा कि सीबीएसई स्कूल शिक्षक को नियुक्ति पत्र जारी करना अनिवार्य होना चाहिए। प्रोबेशन अविध में एकरूपता का पालन किया जाना चाहिए। पुष्टिकरण पत्र जारी करना अनिवार्य होना चाहिए। कर्मचारी सेवा पुस्तिका जारी करना चाहिए। उचित वेतन संरचना का कड़ाई से क्रियान्वयन किया जाना चाहिए। सातवें वेतन आयोग के अनुसार वेतन जारी किया जाना चाहिए। कर्मचारी बच्चों के लिए निःशुल्क शिक्षा नीति का कार्यान्वयन होना चाहिए। स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) में शिक्षक प्रतिनिधि के पद के लिए चयन प्रक्रिया का उचित कार्यान्वयन होना चाहिए।
समयबद्ध पदोन्नति लागू किया जाना चाहिए
विधान परिषद सदस्य नागो गाणार ने कहा कि आगामी शीतकालीन अधिवेशन में सीबीएसई कर्मचारियों के मुद्दों को रखा जाएगा। सत्र के दौरान तारांकित प्रश्नों पर अाधे घंटे की चर्चा के साथ मुद्दों पर विचार किया जाने की बात कहीं। उन्होंने कहा कि समयबद्ध पदोन्नति को कड़ाई से और समान रूप से लागू किया जाना चाहिए। भारत के संविधान के अनुच्छेद 19-1(सी) के अनुसार सीबीएसई कर्मचारियों को किसी भी संगठन / यूनियन का सदस्य बनने की धमकी न देने के संदर्भ में पूरे महाराष्ट्र में सीबीएसई स्कूलों के प्रबंधन को नियंत्रित करना होगा। पत्रकार परिषद में कार्यकारी अध्यक्ष कीर्ति पारधी, सचिव आंचल देवगढ़े, प्रमोद रेवतकर, महेश डबली आदि उपस्थित थे।