महाराष्ट्र में 14 हजार कुष्ठरोगी, आठवें नंबर पर है नागपुर
महाराष्ट्र में 14 हजार कुष्ठरोगी, आठवें नंबर पर है नागपुर
- महाराष्ट्र में अभी तक तीन बार हुए कुष्ठ रोगियों के खोज अभियान में 14 हजार कुष्ठ रोगियों का पता लगा है। इन रोगियों का उपचार जारी है।
- जनवरी 2018 के दौरान नागपुर में कुष्ठ रोगियों की संख्या अन्य जिलों की तुलना में आठवें नंबर पर है।
- वर्ष 2004 में मिली रिपोर्ट के अनुसार राज्य में कुष्ठ रोगियों की संख्या शून्य बताई गई थी। ऐसे में इस रोग को लेकर पदों को विलुप्त कर दिया गया। वर्ष 2015 में कुछ जिलों में नए सिर
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र में अभी तक तीन बार हुए कुष्ठ रोगियों के खोज अभियान में 14 हजार कुष्ठ रोगियों का पता लगा है। इन रोगियों का उपचार जारी है। यदी बता उपराजधानी की करें तो जनवरी 2018 के दौरान नागपुर में कुष्ठ रोगियों की संख्या अन्य जिलों की तुलना में आठवें नंबर पर है। इसकी जानकारी स्वास्थ्य मंत्री डॉ. दीपक सावंत ने विधानसभा में दी। उन्होंने कहा कि राज्य के कुष्ठ अस्पतालों और कुष्ठ रोगियों की बस्तियों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए सरकार प्रयास कर रही है।
4 करोड़ 59 लाख लोगों की हुई शारीरिक जांच
सोमवार को विधानसभा में इस संदर्भ में कांग्रेस के अमित देशमुख, राधाकृष्ण विखेपाटील और भाजपा के अतुल भातखल कर आदि सदस्यों ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए यह मामला सदन के सामने रखा था। जवाब में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि वर्ष 2004 में मिली रिपोर्ट के अनुसार राज्य में कुष्ठ रोगियों की संख्या शून्य बताई गई थी। ऐसे में इस रोग को लेकर पदों को विलुप्त कर दिया गया। वर्ष 2015 में कुछ जिलों में नए सिरे से खोज अभियान चलाया गया। इस मुहिम के तहत 4 करोड़ 59 लाख लोगों की शारीरिक जांच की गई। इनमें से 1 लाख 64 हजार संदिग्ध रोगियों में से 5 हजार 73 नए कुष्ठ रोगी मिले। जनवरी 2018 के अंत तक 14 हजार 287 नए रोगियों का पता चला। मंत्री ने कहा कि कुष्ठ रोगियों के लिए जो निधि खर्च नहीं हो पाती, वह लैप्स नहीं होती, बल्कि उसका उपयोग अगले साल किया जाता है।
बेकार नहीं गई है नागपुर की निधि
मंत्री ने कहा कि नागपुर जिले के लिए आवंटित निधि बेकार नहीं गई, बल्कि यह रकम व्यायाम की सामग्री, चप्पलें, ड्रेसर के मानधन के लिए उपयोग में लाई जाएगी। निधि के उपयोग में कुछ नुकसान हुआ होगा तो संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएग। उन्होंने कहा कि बुलढाणा के टीबी अस्पताल को आधुनिक बनाने के लिए प्रयत्न किए जाएंगे। इसके लिए अलग से रकम दी जाएगी। इस दौरान एक सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कुष्ठ रोग के प्रति जनजागृति अभियान तेज किया जाएगा। कुष्ठ रोगियों की राज्यभर में बस्तियां हैं, वहां सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार प्रयास करेगी। चर्चा में डॉ. जयप्रकाश मुंदडा, संजय केलकर आदि ने भाग लिया।