79 अकुशल कार्यों से मिला 14 हजार 900 मजदूरों को रोजगार, स्थिति को देख कामों को दी गई गति
भंडारा 79 अकुशल कार्यों से मिला 14 हजार 900 मजदूरों को रोजगार, स्थिति को देख कामों को दी गई गति
डिजिटल डेस्क, भंडारा। खरीफ मौसम में वर्ष 2021 में धान फसल पर कीटों का प्रभाव होने से उपज में भारी कमी आयी। इससे तहसील में अकाल जैसे हालत निर्माण हुए। इसमें ग्राम पंचायत के मजदूर प्रधान (अकुशल) कामों की शुरुआत हुई है। 24 मामा तालाब, तीन कृषि कार्य, तीन जल भरण गड्ढे, 45 घरकुल ऐसे कुल 927 मजदूर कार्यरत होने की जानकारी सहायक कार्यक्रम अधिकारी राहुल गिरेपुंजे ने दी। ग्रामीण परिसर में गरीबी रेखा के नीचे तथा गरीब परिवार के एक व्यक्ति को वर्ष में 100 दिन रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से केंद्र शासन ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना शुरू की। राज्य में महाराष्ट्र ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना शुरू है। इस योजना के तहत केंद्र बिंदु ग्रामीण परिसर में 60 प्रतिशत अकुशल (मजदूर प्रधान) एवं 40 प्रतिशत कुशल कामों (निर्माण) का प्रयोजन किया गया है। इस योजना का नियोजन सनियंत्रण व देखरेख का काम ग्राम पंचायत को सौंपा गया है। लेकिन ग्रामसेवक की सहायक रोजगार के रूप में नियुक्ति की गई है। लाखनी तहसील में एक नगर पंचायत एवं 71 ग्राम पंचायत ऐेसे कुल 104 गांवों का समावेश होकर एक लाख 28 हजार 545 है। गरीबी रेखा के नीचे 17 हजार 140 परिवार आते हैं। इस बार धान फसल पर कीट तथा बीमारी का प्रकोप बना रहा। इससे तहसील प्रशासन ने 47 प्रतिशत धान की आनेवारी घोषित की है। पंचायत समिति प्रशासन ने 50 प्रतिशत ग्राम पंचायत स्तर पर मजदूर प्रधान काम (अकुशल) शुरू करने की सूचना ग्राम पंचायत को दी है। इन कामों की शुरुआत किन्ही में (372), दैतमांगली में (412), खैरी में (390), मासलमेटा (492), सिंदीपार (610), केसलवाड़ा / पवार (510), परसोडी (470), देवरी (615) कामों का समावेश है। इसी तरह 24 ग्रामों में मामा तालाब के साथ गोंदि, मिरेगांव में कृषि कार्य तथा तीन गांव में जल भरन गड्ढे तथा चार गांवों में मवेशी के तबेले व 45 जगह पर घरकुल का काम ऐसे 79 कामों पर 14 हजार 927 मजदूर कार्यरत हैं। यह मजदूर प्रदान काम शुरू करने के लिए गट विकास अधिकारी डा. शेखर जाधव, विस्तार अधिकारी (पंचायत) प्रमोद हुमने, दामोधर लंजे, कनिष्ठ अभियंता गंगाराम बारई, सहायक कार्यक्रम अधिकारी राहुल गिरेपुंजे, तकनीकी सहायक महेश बर्वे, यशवंत शेंडे, विनाश वालोदे, गिरिधर मेश्राम, आनंद वाघाये, राकेश दाते, किरण बावनकुले, सुधाकर कांबले आदि ने प्रयास किया।