2014-24 के दौरान: मोदी सरकार कार्यकाल में रेलवे हादसों में आई कमी, प्रतिवर्ष औसत 68 रेल दुर्घटनाएं

मोदी सरकार में रेलवे के विकास पर हुआ ज्यादा खर्च

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-18 15:35 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. सोमवार को पश्चिम बंगाल में फिर एक बड़ा रेल हादसा हुआ, जिसमें कई लोगों की जानें गई हैं। इस हादसे ने एक बार फिर रेलवे सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। हालांकि रेल मंत्रालय यह कहकर अपना बचाव कर रहा है कि एनडीए शासनकाल में रेल हादसों में कमी आई है। रेलवे ने मंगलवार को आंकड़े जारी कर दावा किया कि वर्ष 2014 के बाद रेल दुर्घटनाओं में कमी आई है। इसके मुताबिक 2004-2014 की अवधि के दौरान रेल दुर्घटनाओं की औसत संख्या प्रति वर्ष 171 थी। जबकि 2014 से 2024 के दौरान यह संख्या घटकर प्रति वर्ष 68 हो गई है। रेलवे का कहना है कि रेल दुर्घटनाओं के कम होने के पीछे रेलवे का कुशल प्रबंधन और कई तरह के ऐसे उपाय किए गए है जिससे इस तरह के हादसों में कमी आई है। रेलवे का दावा है कि 45,000 करोड़ मानवीय विफलता के कारण होने वाली दुर्घटना को खत्म करने के लिए खर्च किए गए हैं।

2014-24 के दौरान प्रतिवर्ष औसत 68 रेल दुर्घटनाएं

रेलवे मंत्रालय ने कहा है कि कवच प्रणाली को राष्ट्रीय स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली के रूप में अपनाया गया है। यह प्रणाली लोको पायलट को स्वचालित रूप से ब्रेक लगाने में सहायता करती है। अब तक कवच को 1465 आरकेएम और 121 इंजनों पर लागू किया गया है। रेलवे के अनुसार 31 अक्टूबर 2023 तक 6498 स्टेशनों पर पॉइंट और सिग्नल के केंद्रीकृत संचालन के साथ इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम प्रदान किए गए है। साथ ही 6548 स्टेशनों पर विद्युत साधनों द्वारा अधिभोग के सत्यापन के लिए सुरक्षा बढ़ाने के लिए स्टेशनों की पूर्ण ट्रैक सर्किटिंग प्रदान की गई है। लोको पायलटों की सत र्कता सुनिश्चित करने के लिए सभी लोकोमोटिव सतर्कता नियंत्रण उपकरणों से सुसज्जित है।

मोदी सरकार में रेलवे के विकास पर हुआ ज्यादा खर्च

रेलवे मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि सुरक्षा से संबंधित कार्यों पर यूपीए सरकार के मुकाबले मोदी सरकार में रेलवे के विकास पर खर्च 2.5 गुना बढ़ा है। सुरक्षा से संबंधित कार्यों पर 2004-14 में 70,273 करोड़ रुपये खर्च होता था, जो 2014-24 के दौरान बढकर 1.78 लाख करोड़ रुपये हो गया है। ट्रैक नवीनीकरण पर 2.33 गुना खर्चा बढा है, जो 2004-14 में 47,018 करोड़ रुपये से बढ़कर 2014-24 अवधि के दौरान 1,09,659 करोड़ रुपये हो गया है।

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