नया संसद भवन : प्रधानमंत्री मोदी को मिला मायावती का साथ, बोलीं- उद्घाटन का बहिष्कार करना सही नहीं
- मोदी को मिला मायावती का साथ
- उद्घाटन का बहिष्कार करना सही नहीं
- बिहार विस की इमारत का उद्घाटन राज्यपाल से क्यों नहीं कराया?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश की नई संसद का उद्घाटन रविवार को होना है, लेकिन इस पर राजनीति चरम पर है। उद्घाटन समारोह में लोकसभा सचिवालय की तरफ से 40 दलों को न्यौता भेजा गया है। इनमें 20 विपक्षी दलों ने समारोह का बहिष्कार करने की घोषणा की है। विपक्षी दल चाहते हैं कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु करें। विरोध के उठे इस स्वर के बीच सरकार के लिए बसपा सुप्रीमों मायावती की तरफ से राहत की खबर आई है। मायावती ने कहा है कि नई संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार गलत है।
मायावती ने नई संसद के उद्घाटन का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि उद्घाटन समारोह को किसी आदिवासी महिला से जोड़कर बहिष्कार करना सही नहीं है। उन्होंने ट्वीट किया, “केन्द्र में पहले चाहे कांग्रेस पार्टी की सरकार रही हो या अब वर्तमान में बीजेपी की, बीएसपी ने देश व जनहित निहित मुद्दों पर हमेशा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर उनका समर्थन किया है तथा 28 मई केा संसद के नए भवन के उद्घाटन को भी पार्टी इसी संदर्भ में देखते हुए इसका स्वागत करती है”। बसपा सुप्रीमों ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु जी द्वारा नए संसद का उद्घाटन नहीं कराए जाने को लेकर बहिष्कार अनुचित। सरकार ने इसको बनाया है, इसलिए उसके उद्घाटन का उसे हक है। इसको आदिवासी महिला सम्मान से जोड़ना भी अनुचित। यह उन्हें निर्विरोध न चुकर उनके विरूद्ध उम्मीदवार खड़ा करते वक्त सोचना चाहिए था”।
बिहार विस की इमारत का उद्घाटन राज्यपाल से क्यों नहीं कराया?
इसके पहले भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने अगस्त 2020 में छत्तीसगढ़ की नई विधानसभा का शिलान्यास कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी द्वारा करने पर सवाल खड़े किए। उन्होंने पूछा कि छत्तीसगढ़ में नई विधानसभा का शिलान्यास सोनिया गांधी और राहुल गांधी से क्यों कराया गया, प्रदेश के राज्यपाल से क्यों नहीं? उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भ्ी पूछा कि बिहार विधानसभा की नई इमारत का उद्घाटन आपने राज्यपाल से क्यों नहीं कराया था?