बड़ा लक्ष्य: नड्‌डा ने की औषधियों, सौंदर्य प्रसाधनों और चिकित्सा उपकरणों के विनियमन की समीक्षा

  • उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने की जुगत
  • फार्मा और चिकित्सा उपकरण उद्योग के साथ संवाद जरूरी

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-17 12:46 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्‌डा ने कहा कि भारत को विश्व की फार्मेसी की अपनी वैश्विक प्रतिष्ठा के अनुरूप औषधि विनियमन में वैश्विक अग्रणी देश बनने के लिए हमें अपने परिचालन के पैमाने और अंतर्राष्ट्रीय अपेक्षाओं के अनुरूप विश्वस्तरीय नियामक व्यवस्था की आवश्यकता है। नड्‌डा ने यह बात यहां औषधियों, सौंदर्य प्रसाधनों और चिकित्सा उपकरणों के विनियमन की समीक्षा करते हुए कही।

दवाओं के अग्रणी उत्पादक और निर्यातक के रूप में भारत की वैश्विक स्थिति पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) द्वारा अपने कार्यादेश के तहत वैश्विक मानकों को प्राप्त करने की समयसीमा के साथ एक रोडमैप तैयार करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि वैश्विक नियामक मानकों को प्राप्त करने के लिए हमारा ध्यान सीडीसीएसओ और औषधि एवं चिकित्सा उपकरण उद्योग में प्रक्रियाओं की पारदर्शिता पर होना चाहिए।

स्वास्थ्य मंत्री ने उत्पादों की उच्चतम गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए फार्मा और चिकित्सा उपकरण उद्योग के साथ निरंतर संवाद पर जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि हमें एमएसएमई क्षेत्र के सामने आने वाली समस्याओं का समाधान करना चाहिए और क्षेत्र की क्षमता और गुणवत्ता को मजबूत करने के लिए उनका समर्थन करना चाहिए।

सीडीएससीओ के लिए दवा एवं चिकित्सा उपकरण उद्योग के साथ निरंतर संवाद बनाए रखना महत्वपूर्ण है, ताकि उनके मुद्दों को समझा जा सके तथा सीडीएससीओ की गुणवत्ता अपेक्षाओं और मानकों को पूरा करने के लिए उनका समर्थन किया जा सके।


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