सियासी उठा पटक: अपनी शर्त्तें मनवाने में जुटे जदयू और तेलुगुदेशम, लल्लन और रामनाथ बन सकते हैं मंत्री
- जदयू के 12 तो तेलुगुदेशम के 16 सांसद हैं
- दिल्ली में जमे हैं नीतीश कुमार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. केन्द्र में तीसरी बार नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व मे एनडीए की सरकार बनने जा रही है। चूंकि सरकार बनाने के लिए जरूरी जादुई आंकड़े तक भाजपा नहीं पहुंच पाई है, लिहाजा उसे नए किंगमेकर बने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेलुगुदेशम सुप्रीमों चन्द्रबाबू नायडू के समर्थन की सख्त दरकार है। ऐसी परिस्थिति में जदयू और तेलुगुदेशम भाजपा से अपनी शर्त्तें मनवाने की कोशिश में हैं। जदयू के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि उनकी पार्टी ने चार सांसद पर एक मंत्री पद देने का फार्मूला रखते हुए अपने लिए तीन मंत्री पद की मांग की है। साथ ही बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने संबंधी मांग भी शामिल है।
जदयू के 12 तो तेलुगुदेशम के 16 सांसद हैं। उधर तेलुगुदेशम की ओर से भी लोकसभा अध्यक्ष पद के साथ चार मंत्री पद की मांग सामने आ रही है। नायडू आन्ध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग भी पहले से करते रहे हैं। लेकिन भाजपा अपने सहयोगी दलों की ‘अनावश्यक’ मांगे मानने से इंकार कर रही है। सूत्र बताते हैं कि भाजपा ने स्पष्ट किया है कि वह गठबंधन के नियमों और गठबंधन धर्म के अनुरूप ही काम करेगी। वह सहयोगी दलों की गैरजरूरी मांगों को नहीं मानेगी।
दिल्ली में जमे हैं नीतीश कुमार
जदयू के सूत्र बताते हैं कि एनडीए सरकार में पार्टी की ओर से राजीव रंजन सिंह उर्फ लल्लन सिंह और राज्यसभा सदस्य रामनाथ ठाकुर मंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं। लल्लन सिंह जहां अगड़ी जाति से आते हैं तो वहीं रामनाथ ठाकुर अति पिछड़े समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं। रामनाथ ठाकुर भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर के बेटे हैं। ऐसे में पार्टी उनके माध्यम से कर्पूरी की विरासत को संभाले रखना चाहेगी। जदयू कोटे से कुशवाहा समाज के किसी सांसद की भी लॉटरी लग सकती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अभी दिल्ली में हैं। शुक्रवार को दिल्ली में जदयू संसदीय दल की बैठक हो रही है। इसके बाद एनडीए संसदीय दल की बैठक होगी, जिसमें नरेन्द्र मोदी को औपचारिक रूप से नेता चुना जाएगा। माना जा रहा है कि सरकार गठन के फार्मूले को अंतिम रूप देने के बाद ही नीतीश पटना लौटेंगे।