लोकसभा चुनाव: श्रीनेत को चुनाव आयोग की चेतावनी, उदित राज ने आरएसएस-भाजपा पर बोला हमला

  • सुप्रिया श्रीनेत को चुनाव आयोग ने कहा सार्वजनिक बयानों में बरतें सावधानी
  • एससी-एसटी के लोगों को गुलामी के दौर में ले जाने का लगाया आरोप

Bhaskar Hindi
Update: 2024-04-01 15:23 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने हिमाचल के मंडी से भाजपा उम्मीदवार कंगना रनौत के खिलाफ सोशल मीडिया में विवादित टिप्पणी करने के मामले में कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत को चेतावनी दी है। आयोग ने श्रीनेत के बयानों की कड़ी निंदा करते हुए आदर्श आचार संहिता के दौरान उन्हें अपने सार्वजनिक बयानों में सावधानी बरतने को कहा है। साथ ही आयोग ने कहा कि वह श्रीनेत के बयान पर नजर रखेगी। चुनाव आयोग ने कांग्रेस सोशल मीडिया प्रमुख श्रीनेत को इस मामले में 27 मार्च को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। श्रीनेत से 29 मार्च को जवाब मिलने के बाद आयोग ने आज अपने आदेश में कहा कि उन्होंने व्यक्तिगत हमला किया है। इस तरह से उन्होंने आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन किया है। आयोग ने चेतावनी नोटिस की एक कॉपी पार्टी अध्यक्ष को भी भेजी हैं। गौरतलब है कि अभिनेत्री रनौत को मंडी से लोकसभा की उम्मीदारी मिलने के बाद सुप्रिया श्रीनेत के फेसबुक अकाउंट से कंगना रनौत को लेकर एक विवादित पोस्ट शेयर किया गया था। अपने पोस्ट में श्रीनेत ने रनौत की तस्वीर लगाई और आपत्तिजनक बयान दिया था। इसके बाद जब विवाद बढ़ने लगा तो मामला महिला आयोग तक पहुंचा

कांग्रेस नेता डॉ उदित राज ने आरएसएस और भाजपा पर बोला हमला

उधर कांग्रेस प्रवक्ता और असंगठित कामगार एवं कर्मचारी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ उदित राज ने कहा है कि आरएसएस और भाजपा अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को गुलामी के दौर में ले जाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इसकी बानगी रविवार को फिर देखने मिली जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी को उनके निवास पर भारत रत्न से सम्मानित कर रही थी तो प्रधानमंत्री मोदी राजा की तरह कुर्सी पर बैठे रहे। डॉ उदित राज ने सवाल किया कि क्या अब के पहले कभी ऐसा अपमान किसी प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति का किया? पूर्व में भी प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति कोविंद के साथ ऐसा ही किया। पूर्व राष्ट्रपति को नजरअंदाज ही नही किया, बल्कि उनका अभिवादन भी स्वीकार नहीं किया। यही नहीं नई संसद भवन के शिलान्यास और उद्घाटन पर भी न तो पूर्व राष्ट्रपति और न ही मौजूदा राष्ट्रपति को आमंत्रित किया। यह कोई संयोग नहीं है, बल्कि आरएसएस और भाजपा की ऐसी सोच है।

डॉ उदित राज ने आरोप लगाया कि भाजपा का 400 पार का नारा देने का मकसद संविधान बदलना है और भाजपा के पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगडे ने 400 पार के लक्ष्य को बता दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के निशाने पर मुख्य रूप से आरक्षण, संविधान, सरकारी विभाग, शिक्षण संस्थान हैं। पर अब पिछड़े वर्ग के सभी लोग इनकी मंशा को समझ चुके हैं और आगामी लोकसभा में 400 पार नहीं बल्कि 400 सीटों पर इनकी हार होगी।

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