नाशिक: राऊत बोले - अयोध्या को लेकर उत्साह राजनीति से प्रेरित, उद्धव ठाकरे ने कालाराम मंदिर में किए दर्शन
- लोकतंत्र बचाने के लिए शिवसेना ने अधिवेशन का निर्णय लिया
- कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर हुए हमले की निंदी
- ईवेंट मॅनेजमेंट में भाजपा नंबर वन
डिजिटल डेस्क, नाशिक। शिवसेना नेता संजय राऊत ने कहा कि लोकतंत्र बचाने के लिए शिवसेना ने अधिवेशन का निर्णय किया हैं। उन्होने कहा कि देश में तानाशाही हैं, इसलिए लोकतंत्र को मजबूत करना जरूरी हैं। राऊत ने भारत जोड़े न्याय यात्रा के दौरान आसम में कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर हुए हमले की निंदी की। ठाकरे गुट का मंगलवार को अधिवेशन होगा, इसमें शामिल होने के लिए सांसद राऊत सोमवार को यहां पहुंचे। उनके साथ सांसद विनायक राऊत, महानगरप्रमुख सुधाकर बडगुजर, डीजी सूर्यवंशी उपस्थित थे। सांसद राऊत ने कहा कि आयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह हो रहा है। राऊत ने कहा कि देशभर में जो अभूतपूर्व उत्साह है, वह राजनीति से प्रेरित है।
ईवेंट मॅनेजमेंट में भाजपा नंबर वन है। जिसकी आड़ में 2024 के प्रचार का बिगुल फूंका गया है। यह राष्ट्रीय उत्सव नहीं बल्की निजी समारोह हैं। चार पीठों के शंकराचार्य भी उपस्थित नहीं हुए। राऊत ने कहा कि मंदिर निर्माण में शिवसेना का महत्वपूर्ण योगदान हैं, लेकिन हम कोई विवाद नहीं चाहते। जितनी अयोध्या राम की हैं, उतने ही राम पंचवटी के हैं। पंचवटी से ही संघर्ष की शुरूआत हुई थी। हम भी संघर्ष कर रहे हैं, इसलिए हमने पंचवटी का चुनाव किया हैं।
उद्धव ठाकरे ने नाशिक के कालाराम मंदिर में किए दर्शन
अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों हुई। इस कार्यक्रम में देश-विदेश की कई मशहूर हस्तियों ने शिरकत की। शिवसेना (उद्धव) पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे को भी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम का निमंत्रण मिला था, लेकिन ठाकरे ने अयोध्या जाने के बजाय नाशिक में कालाराम मंदिर में भगवान श्रीराम के दर्शन किए। उद्धव के साथ उनकी पत्नी रश्मि ठाकरे और दोनों बेटे आदित्य और तेजस ठाकरे भी मौजूद थे। कालाराम मंदिर के पुजारी ने इस मौके पर एक विशेष पूजा भी कराई। इसके बाद ठाकरे परिवार ने गोदावरी नदी के किनारे महाआरती में भी हिस्सा लिया।
इससे पहले उद्धव ठाकरे सोमवार को नाशिक पहुंचे तो उनका स्वागत हजारों की संख्या में मौजूद कार्यकर्ताओं ने फूलों की बारिश करके किया। जैसे ही ठाकरे ने कालाराम मंदिर में प्रवेश किया, वैसे ही पूरा मंदिर का प्रांगण जय श्री राम के नारों से गूंज उठा। ठाकरे ने अपने परिवार सहित तकरीबन 20 मिनट तक मंदिर में पूजा की और उसके बाद गोदावरी नदी के किनारे विशेष आरती में हिस्सा लिया। गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कालाराम मंदिर में पहले साफ सफाई की थी, उसके बाद भगवान श्रीराम के दर्शन किए थे।
ठाकरे मंगलवार सुबह नाशिक में राज्य के पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे जिसमें आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति तैयार की जाएगी। इसके अलावा ठाकरे नाशिक में शाम को एक बड़ी सभा को भी संबोधित करेंगे। ऐसे में सभी की निगाहें अब ठाकरे की सभा पर लगी हुई हैं कि अयोध्या में हुए राम मंदिर के उद्घाटन पर ठाकरे अपने भाषण में क्या बोलते हैं।
कालाराम मंदिर के बाहर पुलिस और कार्यकर्ताओं में झड़प
जैसे ही उद्धव ठाकरे कालाराम मंदिर में पूजा करने के लिए दाखिल हुए, वैसे ही मंदिर के बाहर कार्यकर्ताओं की भीड़ जमा हो गई और मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश करने लगी। कार्यकर्ता पुलिस द्वारा लगाए गए अवरोधक और मेटल डिटेक्टर को तोड़कर मंदिर में प्रवेश करने लगे। इस दौरान पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच हल्की झड़प भी हुई।