Yeola News: राकांपा नेता भुजबल ने चुनावी नारे बंटेंगे तो कटेंगे से बनाई दूरी, हम सिर्फ विकास की बातें करते हैं

  • ‘महायुति’ सरकार अच्छे बहुमत के साथ सत्ता में बनी रहेगी
  • चुनावी नारे बंटेंगे तो कटेंगे से बनाई दूरी

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-19 13:54 GMT

Yeola News : अन्य पिछड़ा वर्ग से ताल्लुक रखने वाले वरिष्ठ राकांपा नेता और महाराष्ट्र के मंत्री छगन भुजबल ने भारतीय जनता पार्टी के चुनावी नारे ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ से दूरी बनाते हुए कहा कि ‘महायुति’ सरकार अच्छे बहुमत के साथ सत्ता में बनी रहेगी। नासिक जिले के येवला कस्बे में ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता भुजबल ने यह भी दावा किया कि कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल के नेतृत्व में चल रहा मराठा आरक्षण आंदोलन येवला और मनमाड-नंदगांव निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव परिणाम को प्रभावित नहीं करेगा। भुजबल येवला सीट से चुनाव मैदान में हैं, जबकि उनके भतीजे समीर भुजबल मनमाड-नंदगांव विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार हैं। भुजबल ने कहा, मराठा कार्यकर्ता शनिवार सुबह येवला आए और एक सभा को संबोधित करने तथा मेरी सार्वजनिक बैठकों में बाधा डालने का प्रयास करने के बाद आधी रात के बाद वहां से चले गए। राकांपा (शरदचंद्र पवार) के माणिकराव शिंदे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे भुजबल ने कहा, ‘सब ठीक है। मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र को अच्छी तरह जानता हूं। इसका ज्यादा असर नहीं होगा।’

भुजबल (77) को विश्वास है क्षेत्र में उनके द्वारा शुरू की गई कई विकास परियोजनाएं चुनावों में उनकी संभावनाओं को मजबूत करेंगी। उन्होंने अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा को भाजपा के चुनावी नारे ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ से अलग करते हुए कहा, ‘हमारा इन नारों से कोई लेना-देना नहीं है। हमारी पार्टी का इससे कोई लेना-देना नहीं है। मैं सिर्फ विकास की बात करता हूं।’ राकांपा नेता ने कहा, ‘विकास मेरी जाति है, विकास मेरा धर्म है, विकास मेरी पार्टी है और मेरी भाषा भी विकास ही होगी। मैं सिर्फ विकास की बात करता हूं और कुछ नहीं।’ उन्होंने कहा उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा बिना किसी भेदभाव के सभी समुदायों के साथ न्याय करने में विश्वास रखती है। भुजबल ने कहा, ‘मेरे निर्वाचन क्षेत्र में हिंदू, मुस्लिम, दलित, आदिवासी और मराठा आदि सभी लोग रहते हैं। हम किसी भी समुदाय के साथ भेदभाव नहीं करते। विकास ही हमारा एकमात्र एजेंडा है।’ उल्लेखनीय है कि अजित पवार ने कहा था कि महाराष्ट्र के लोगों को “बंटेंगे...” का नारा पसंद नहीं है, वह उत्तर भारत में काम कर सकता है। ‘महायुति’ के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में भुजबल ने कहा कि तीनों घटक दलों के नेता चुनाव के बाद इस पर फैसला करेंगे। महायुति में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, भाजपा और अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा शामिल हैं। 

Tags:    

Similar News