नागपुर: जिला परिषद ने डीपीडीसी को भेजे 78.5 करोड़ रुपए के प्रस्ताव
- 1 जनवरी-2024 को होने जा रही बैठक
- मंजूरी मिलने की उम्मीद
डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिले के विविध विकास कार्यों के लिए जिला नियोजन समिति (डीपीडीसी) से निधि आवंटित की जाती है। ग्रामीण क्षेत्र में विकास के जिला परिषद की ओर से 78 करोड़ 50 लाख रुपए के प्रस्ताव भेजे गए हैं। डीपीडीसी की बैठक नहीं होने से प्रस्ताव लंबित है। 1 जनवरी को बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में जिला परिषद की ओर से भेजे गए विकास कार्यों को मंजूरी मिलने की आस बंधी है।
मिलती है आर्थिक मदद
ग्रामीण क्षेत्र में जिप के माध्यम से किए जाने वाले विविध विकास कार्यों के लिए नागरी सुविधा, जन सुविधा, "क' श्रेणी तीर्थ क्षेत्र, जिप सदस्यों को अपने क्षेत्र में विकास के लिए 30-54 मद अंतर्गत निधि मंजूर की जाती है। ग्रामीण क्षेत्र में पुल व सड़कों की दुरुस्ती व नए निर्माण, पांधन रास्ते तथा अन्य विकास कार्यों में बड़ी आर्थिक मदद मिलती है। डीपीडीसी की बैठक नहीं होने से निधि के लिए भेजे गए प्रस्ताव लंबित हैं। जिप से डीपीडीसी को निधि के लिए भेजे गए प्रस्तावों में नागरी सुविधा के 16 करोड़, जनसुविधा के 52 करोड़, 50 लाख, "क' श्रेणी तीर्थ क्षेत्र विकास के 5 करोड़, जिप सदस्यों को अपने निर्वाचन क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए दिए जाने वाले 30-54 हेड के 5 करोड़ रुपए लागत के प्रस्ताव भेजे गए हैं।
खर्च नहीं हो पाई मंजूर निधि
वित्तीय वर्ष 2021-22 में जन सुविधा और नागरी सुविधा पर मंजूर निधि खर्च नहीं हो पाई। तत्कालीन महाविकास आघाड़ी सरकार के कार्यकाल में निधि मंजूर की गई थी। राज्य में सत्ता परिवर्तन होने पर सभी मंजूर विकास कार्यों पर रोक लगा दी गई। हाल ही में रोक हटाई गई है। जो निधि बची है, उसे खर्च करने की डेडलाइन 15 फरवरी दी गई। इस अवधि में निधि खर्च नहीं हो पाने से जिप ने सरकार से अवधि बढ़ाकर देने का प्रस्ताव भेजा है।