जल जीवन मिशन: जिला परिषद थोप रही अधूरी योजनाएं 114 ग्रापं ने हस्तांतरण से किया इनकार
- जल जीवन मिशन ने छुड़ाए पसीने
- गुणवत्ताहीन और आधी-अधूरी योजना ग्रापं के माथे मढ़ने के मंसूबे पर फिरा पानी
- सत्तापक्ष और विपक्ष गंभीर नहीं
डिजिटल डेस्क, नागपुर. जलजीवन मिशन के माध्यम से ‘हर घर नल से जल’ योजना लाई गई है। यह केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। साल 2024 तक इस योजना को पूरा करने का लक्ष्य है। नागपुर जिले में 1302 योजना मंजूर की गई। उसमें से 310 योजना ग्रापं को हस्तांतरित की गई है। प्रशासन का दावा है कि 424 जलापूर्ति योजना के काम पूरे हो चुके हैं। 114 ग्राम पंचायतों ने जलापूर्ति योजना का हस्तांतरण लेने से इनकार कर दिया है। गुणवत्ताहीन काम और आधी-अधूरी योजना ग्रापं के माथे थोपने के मंसूबे पर पानी फिर गया है।
878 योजना के काम अधूरे
ग्रामीण जलापूर्ति के दावे अनुसार 424 जलापूर्ति योजना के काम पूरे हो चुके हैं। उसी के दावे अनुसार 878 योजना के काम अधूरे हैं। बताया जाता है कि कुछ योजना के काम की अभी तक शुरुआत ही नहीं हुई। जो ठेकेदार कार्यादेश जारी करने के बाद दो महीने में काम की शुरुआत नहीं करेगा, उसका ठेका रद्द कर नए सिरे से निविदा प्रक्रिया पर अमल करने के अध्यक्ष ने आदेश दिए थे।
3 महीने में काम पूरे करने का अल्टीमेटम : जिले में जलजीवन मिशन के अधूरे काम को पूरा करने के लिए पहले 31 मार्च का अल्टीमेटम दिया था। काम धीमी गति से चलने के कारण पूरे नहीं हुए। अब सितंबर के अंत तक पूरे करने का अल्टीमेटम दिया है। अनेक योजना के आधे से ज्यादा काम होने बाकी है। अब सितंबर के अंत तक पूरे करने का अल्टीमेटम दिया गया है।
सत्तापक्ष और विपक्ष गंभीर नहीं
जल जीवन मिशन के काम को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष गंभीर नहीं है। जलसंकट पर विशेष आमसभा में विपक्ष ने जलसंकट पर सत्तापक्ष को कटघरे में खड़ा करने पर जिप अध्यक्ष की अध्यक्षता में योजना की जांच के लिए उपसमिति गठित की गई। अध्यक्ष के साथ सत्तापक्ष के सदस्यों ने 3 तहसील का दौरा कर जलापूर्ति योजना के कामों का जायजा लिया। विपक्ष के सदस्यों ने उपसमिति के दौरे से किनारा किया। उपसमिति उमरेड, नरखेड़ और काटोल तहसील का दौरा करने के बाद ठंडी पड़ गई। अन्य तहसीलों से भी जल जीवन मिशन की शिकायतें प्राप्त हुईं, लेकिन वहां पहुंचकर स्थिति का जायजा लेने की आवश्यकता नहीं समझी गई ।