विश्व स्तनपान सप्ताह : डॉ उदय बोधनकर ने कहा - मां के दूध में है एंटीबॉडी, बच्चों को बीमारी से रखता है दूर

  • स्तनपान के महत्व के बारे में जागरूकता जरूरी
  • पहला गाढ़ा पीला दूध बच्चे की सेहत के लिए अमृत
  • एक से सात अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह

Bhaskar Hindi
Update: 2023-08-03 13:47 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महिलाओं को स्तनपान के महत्व के बारे में जागरूक करने और शिशुओं के स्वास्थ्य में सुधार लाकर कुपोषण मुक्त करने के उद्देश्य से उपराजधानी के मातृ सेवासंघ में स्तनपान सप्ताह मनाया गया। इस मौके पर खास तौर से जानेमाने बालरोग विशेषज्ञ डॉ उदय बोधनकर ने शिरकत की। डॉक्टर बोधनकर ने कहा कि स्तनपान के बारे में जागरुकता बेहद जरूरी हैं। मां के दूध में एंटीबॉडी और अन्य पोषक तत्व होते हैं। यह एंटीबॉडी बच्चों को कई बीमारियों से बचाने में मददगार होते हैं। साथ ही इससे मां और बच्चे के बीच महत्वपूर्ण जुड़ाव अनुभव प्रदान होता है। स्तनपान से होने वाले फायदे और इसे बढ़ावा देने के उद्देश्य से हर साल एक से सात अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाता है।

एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के सहियोग से खास सम्मेलन रखा गया। इस सम्मेलन में 100 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। जिसमें बाल रोग विशेषज्ञ, स्त्री रोग विशेषज्ञ और नर्सिंग स्टाफ शामिल हुआ। स्तनपान विषय पर स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अंजलि भंडारकर ने अपनी राय रखी, साथ ही इसके बारे में जानकारी दी। उनके बाद डॉ प्रगति खलटकर (सचिव एनओजीएस) ने स्तनपान कराने वाली मां के आहार को लेकर खास टिप्स दिए। मानव दूध बैंकिंग को लेकर (नियोनेटोलॉजिस्ट) डॉ. पंकज अग्रवाल ने इसकी जरूरत पर जोर दिया। (लैक्टेशनल कंसल्टेंट) डॉ. सुरभि सांगवई ने समय से पहले जन्मे शिशुओं को स्तनपान को लेकर चर्चा की।

जानकारों ने बताया कि स्तनपान से बच्चे की सेहत पर क्या असर होता है, मां के दूध में मौजूद सूक्ष्म पोषक तत्व नवजात शिशुओं के मस्तिष्क के विकास पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं।



चर्चा के मुख्य बिन्दू

बच्चे के संपूर्ण विकास के लिए उचित पोषण का ध्यान रखना आवश्यक है।

अध्ययनों से स्पष्ट होता है नवजात के लिए मां का दूध शरीर के लिए पोषक तत्वों की जरूरतों को पूरा करने में उपयुक्त है।

प्रसव के बाद का पहला गाढ़ा पीला दूध बच्चे की सेहत के लिए अमृत समान है।

बच्चे के शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार के विकास के लिए पर्याप्त मात्रा में स्तनपान जरूरी।


विशेषज्ञों का कहना है कि जन्म के छह माह तक नवजात को रोजाना स्तनपान कराना सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, जेसीआई मेडिकोज, प्रसूति एवं स्त्री रोग सोसायटी और मातृ सेवा संघ के सदस्यों के अलावा डॉ. साधना देशमुख स्त्री रोग विशेषज्ञ, डॉ. संजय पखमोड़े (अध्यक्ष एओपी), डॉ. वैशाली वरदकर, स्त्री रोग विशेषज्ञ, डॉ शरवरी- राठी मौजूद थे। डॉ स्मिता देसाई, डॉ संजय देशमुख, डॉ. प्रशांत भुटाडा ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

डॉ. गिरीश चार्डे (सीआईएपी ईबीएम), डॉ. वंदना काटे (अध्यक्ष आईएमए), डॉ सुषमा देशमुख (अध्यक्ष एनओजीएस), डॉ. प्रगति खलाटकर (सचिव एनओजीएस), डॉ अरुणा बाभुलकर (अध्यक्ष एमएसएस), डॉ लता देशमुख (सचिव एमएसएस), डॉ पायल अग्रवाल (अध्यक्ष जेसीआई मेडिको) ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी का आभार जताया।




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