नागपुर: कछुआ गति से काम जारी, नागरिक परेशान, अधर में दो रास्तों के निर्माणकार्य
- दो का काम जल्द होगा पूरा
- 21 करोड़ से 5 रास्तों की जिम्मेदारी
डिजिटल डेस्क, नागपुर. तीन साल पहले कोरोना के चलते जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हो गया था। मुश्किलों के बुरे दौर के बाद जनजीवन पटरी पर लौटा है, लेकिन शहर में महानगरपालिका प्रशासन के पास अब भी कोरोना का कहर का बहाना मौजूद है। शहर में पांच रास्तों के निर्माणकार्य के लिए कोरोना संक्रमण से दो साल पहले साल 2018 में ठेका एजेंसी को 21 करोड़ की राशि से जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन दो सालों में रास्ते नहीं बन पाए। इसके बाद कोरोना संक्रमण के नाम पर कामों को पूरा नहीं किया गया। अब कोरोना संक्रमण के तीन साल बाद भी दो रास्तों का काम जारी है। इन रास्तों के कामों से नागरिक बुरी तरह से परेशान हो रहे हैं, लेकिन ठेका एजेंसी और मनपा प्रशासन की अनदेखी अब भी जारी है।
शहर में पंचशील चौराहे और रामदासपेठ पुल के चलते नागरिकों को मेहाड़िया चौक से गुजरने की नौबत आ रही है, लेकिन इस रास्ते का पिछले कई माह से कछुआ गति से काम जारी होने से नागरिकों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले माह खासदार महोत्सव के दौरान यशवंत स्टेडियम में कार्यक्रमों की भीड़ को भी रास्ते की आवाजाही बंद होने से परेशान होना पड़ा है। यही स्थिति अजनी चूना भट्टी के समीप गजानन नगर की ओर जाने वाले रास्ते पर भी बनी हुई है। इस रास्ते को निर्माणकार्य पूरा करने के लिए 30 नवंबर तक आवाजाही बंद रखने की अधिसूचना मनपा आयुक्त डॉ अभिजीत चौधरी ने जारी की थी, लेकिन इस समयावधि के बीत जाने के बाद भी रास्ता तैयार नहीं हो पाया है। ठेका एजेंसी की ओर से कोरोना संक्रमण के चलते काम के तय समयसीमा में पूरा नहीं होने की जानकारी जिम्मेदार अधिकारी दे रहे हैं।
21 करोड़ से 5 रास्तों की जिम्मेदारी : मनपा प्रशासन से शहर के जर्जर होने वाले 5 रास्तों के निर्माणकार्य की जिम्मेदारी 16 जुलाई 2018 को निजी ठेका एजेंसी खड़तकर कन्स्ट्रक्शन कंपनी को दी गई। इस काम के लिए मनपा ने 21 करोड़ 61 लाख, 35 हजार रुपए का प्रस्ताव बनाया था। टेंडर प्रक्रिया के दौरान ठेका एजेंसी ने 0.99 फीसदी कम राशि पर 21 करोड़ 39 लाख, 96 हजार रुपए में प्रस्ताव को स्वीकार किया। 16 जुलाई 2018 को 24 माह के लिए कार्यादेश भी दिया गया। प्रशासन की ओर से ठेका एजेंसी के कामों पर निगरानी नहीं होने से मंद गति से काम जारी रहे। दो साल बाद मार्च 2020 में कोरोना संक्रमण के चलते काम पूरी तरह से ठप हो गए। दो सालों तक कामों को सुचारू रूप में आरंभ नहीं किया जा सका। हालात यह है कि 7 सालों में पांच में से केवल 3 रास्तों का काम पूरा हो पाया है। दो रास्तों के काम अब भी जारी होने से नागरिकों को खासा परेशान होना पड़ रहा है।
दो का काम जल्द होगा पूरा
पुरुषोत्तम पांडे, कनिष्ठ अभियंता, लक्ष्मीनगर मनपा जोन कार्यालय के मुताबिक कोरोना संक्रमण के चलते ठेका एजेंसी से निर्धारित समयसीमा में कामों को पूरा नहीं किया जा सका था। ऐसे में समयसीमा में बढ़ोतरी कर जल्द से जल्द काम को पूरे करने के निर्देश दिए गए है। तीन रास्तों के कामों को पूरा कर लिया गया है, जबकि अगले दो माह में अन्य दो रास्तों का काम भी पूरे हो जाएंगे।
5 रास्तों में से 3 ही पूरे : मनपा से आवंटित पांच रास्तों में नेल्को सोसायटी से भांगे लॉन तक रिंग रोड, बाबुलखेड़ा से एनआईटी गार्डन भगवाननगर, माटे चौक के समीप गोपालनगर से पड़ोले चौक, मुंजे चौक से मेहाड़िया चौक- कांग्रेसनगर और रिंग रोड गजानननगर से चूना भट्टी तक का समावेश है। इसमें से 3 रास्ते नेल्को सोसायटी से भांगे लॉन तक रिंग रोड, बाबुलखेड़ा से एनआईटी गार्डन भगवाननगर, माटे चौक के समीप गोपालनगर से पड़ोले चौक का निर्माणकार्य पूरा हो चुका है, जबकि अन्य दो रास्तों पर पिछले करीब 6 माह से काम जारी है। दोनों कामों की कछ़ुआ गति के चलते नागरिकों को खासा परेशान होना पड़ रहा है। इतना ही नहीं खासदार महोत्सव के दौरान यशवंत स्टेडियम में कार्यक्रमों के दौरान मेहाड़िया चौक पर खासी विकट स्थिति का सामना करना पड़ा था।