वेस्ट से बेस्ट: महिलाएं हुनर से बना रहीं अपनी पहचान, गोबर-मिट्टी से मूर्तियों के साथ बन रहे गहने और दीये
- विदेश तक पहुंचेगा हुनर
- गोबर से मूर्तियों से लेकर दीये बना रही हैं
- मिट्टी की बोतलें व गहने बना रही हैं
डिजिटल डेस्क, नागपुर. पेंच में इन दिनों ग्रामीण महिलाएं ‘वेस्ट से बेस्ट’ की तर्ज पर काम कर रही हैं। गोबर से मूर्तियों से लेकर दीये बना रही हैं। इसके अलावा मिट्टी की बोतलें व गहने बना रही हैं। इससे उन्हें रोजगार तो मिल ही रहा है, साथ ही शहरों में पहचान भी मिल रही है। पेंच व्याघ्र प्रकल्प अंतर्गत 789 वर्ग किमी का जंगल है। यहां बाघ से लेकर तेंदुए व शाकाहारी वन्यजीवों का बसेरा है। इन्हें देखने के लिए प्रतिदिन पर्यटक आते हैं।
जंगल के आसपास करीब 488 गांव भी हैं। यहां के निवासियों के पास रोजगार की कमी है। हालांकि वन विभाग इन्हें रोजगार के अवसर देता है, लेकिन जनसंख्या की तुलना में रोजगार कम हैं। ऐसे में वन विभाग विभिन्न बचत गट के माध्यम से नई-नई चीजें बनवाता है और हस्तकला को बढ़ावा दे रहा है।
हाल ही में विभाग ने ‘वेस्ट से बेस्ट’ की तर्ज पर गोबर से दीये व मूर्तियां बनाने का काम शुरू किया है। इस गणेशत्सव व दिवाली में गोबर से बनाए दिए व श्री गणेश की मूर्तियों को बेचकर डेढ़ लाख रुपए तक मुनाफा कमाया है।
विदेश तक पहुंचेगा हुनर
सूत्रों ने बताया कि पहला साल रहने से उन्हें इसमें अच्छी सफलता नहीं मिली है, लेकिन धीरे-धीरे उनके द्वारा बनाए गए दीये देश ही नहीं, विदेश में भी पहुंचने का विश्वास है। इसी तरह कोलीतमारा के एक महिला बचत गट द्वारा सूती कपड़ों की थैलियां बनाई जा रही हैं।
इसके अलावा इनकी ओर से मिट्टी की बोतलें बनाई गई हैं, जिसमें ग्रीष्म में पानी पीने पर मटके का पानी पीने का अहसास होगा, वहीं मिट्टी के गहने भी बनाए हैं। इसमें कान के झुमके से लेकर गले के हार भी शामिल हैं। पेंच में आने वाले पर्यटकों में इन उत्पादों की विशेष मांग है।