विवाद: भरी सभा में बसपा के प्रदेश प्रभारी गौतम को महिला कार्यकर्ता ने जड़ा चांटा
- प्रदेश कार्यकारिणी का पुनर्गठन टला
- लोकसभा की टिकट नहीं मिलने नाराज थी महिला
- गुटबाजी सामने आयी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। बहुजन समाज पार्टी में टिकट बिक्री के आरोप के साथ महिला पदाधिकारी का गुस्सा फूट पड़ा। बुधवार को मुंबई में चल रही प्रदेश बसपा की बैठक में महिला पदाधिकारी नीमा रंगारी ने प्रदेश प्रभारी रामजी गौतम को चांटा जड़ दिया। बताया गया है कि लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने को लेकर महिला पदाधिकारी ने रोष व्यक्त किया। इस बीच बसपा की प्रदेश कार्यकारिणी के पुनर्गठन को टाल दिया गया है।
विधानपरिषद चुनाव लड़ चुकी है महिला
नीमा रंगारी भंडारा जिले के अडयाल क्षेत्र की निवासी हैं। 2022 में उन्होंने बसपा के समर्थन से विधानपरिषद की नागपुर शिक्षक निर्वाचन सीट से चुनाव लड़ा था। उन्हें 6 वोट मिले थे। इससे पहले वह जिला परिषद चुनाव भी लड़ चुकी है। पिछले लोकसभा चुनाव में रंगारी ने भंडारा-गोंदिया लोकसभा क्षेत्र से पार्टी की टिकट की दावेदारी की थी। चर्चा है कि प्रदेश प्रभारी रामजी गौतम व तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष परमेश्वर गोणारे से आश्वासन मिलने के बाद भी लोकसभा की टिकट नहीं मिलने से रंगारी नाराज थी।
सभा के आरंभ में ही हुई घटना
विधानसभा चुनाव की तैयारी के तहत बसपा ने संगठन पुनर्गठन का निर्णय लिया है। गोणारे के नेतृत्व की प्रदेश कार्यकारिणी को बर्खास्त कर सुनील डोंगरे की अध्यक्षता में नई कार्यकारिणी के विस्तार का निर्णय लिया है। विधानसभा चुनाव के लिए पहली बार समविचारी दलों से गठबंधन की तैयारी की जा रही है। इन विषयों को लेकर ब्राम्हण सेवा मंडल सभागृह दादर में सभा आयोजित की गई थी। उसमें नागपुर सहित विदर्भ से चुनिंदा पदाधिकारी आमंत्रित किए गए थे। नागपुर से योगेश लांजेवार, पृथ्वी शेंडे, नागाेराव जयकर, उमेश मेश्राम, मंगेश ठाकरे सहित अन्य पदाधिकारी शामिल हुए थे। सभा के आरंभ में अतिथियों के स्वागत के समय नीमा रंगारी कार्यकर्ताओं की कतार में मंच पर पहुंची। प्रदेश प्रभारी को उन्होंने चांटा मारा तो सभा में शोर शराबा मच गया। पदाधिकारियों ने रंगारी को पुलिस के हवाले किया। उनके समर्थक एक पदाधिकारी से हाथापाई की गई। इससे पहले बसपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे संदीप ताजने के साथ भी सभा में इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं।
गुस्सा रोक नहीं पायी
नीमा रंगारी ने दैनिक भास्कर से चर्चा में कहा है कि पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों के प्रति गुस्से को वह रोक नहीं पायी। लोकसभा चुनाव में रुपये लेकर भी उन्हें उम्मीदवारी नहीं दी गई। चुनाव के समय टिकट बेचने का खेल सा चलने लगा है। मुझे पार्टी व पार्टी प्रमुख मायावती से काेई शिकायत नहीं है। मैंने सामान्य कार्यकर्ता की भावना को व्यक्त किया है।