रणनीति: जीतने के लिए लड़ेंगे, यही है महायुति का फार्मुला, सीट साझेदारी को लेकर बोले बावनकुले
- राकांपा अजित गुट व शिवसेना शिंदे गुट के अलग अलग दावे
- सीट साझेदारी पर चर्चा जल्द
- महायुति के नेताओं में समन्वय का प्रयास
- सीट साझेदारी का मामला चर्चा में है
डिजिटल डेस्क, नागपुर। विधानसभा चुनाव को लेकर सीट साझेदारी का मामला चर्चा में है। प्रमुख दलों के गठबंधन महायुति व महाविकास आघाडी में अलग अलग दल के नेता अलग अलग दावे कर रहे हैं। फार्म्यूला ठहराने की बातें कही सुनी जा रही है। इस बीच भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने इस मामले पर दो टूक जवाब दिया है। उन्होंने कहा है-जीतने के लिए लड़ना ही महायुति का सीटों का फार्म्यूला रहेगा। उल्लेखनीय है कि राजनीतिक दलों ने चुनाव तैयारी के तहत विविध कार्यक्रम तय किए है। प्रमुख दलों के संवाद कार्यक्रम और यात्राएं चर्चा में है। सत्ता पक्ष सरकारी योजनाओं का प्रचार कर रहा है तो विपक्ष सरकार की आलोचना किए जा रहा है। मुख्य विषय सीटों की साझेदारी का है। 2019 की तुलना में राज्य में गठबंधन की राजनीति बदली है। भाजपा की प्रमुख सहयोगी उद्धव ठाकरे के नेतृत्व की शिवसेना कांग्रेस के साथ है। कांग्रेस की सहयोगी राकांपा का अजित गुट भाजपा के साथ है। शिवसेना शिंदे गुट के प्रमुख एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री हैं। ऐसे में गठबंधन के नए मित्रों के लिए सीट साझेदारी की स्वाभाविक अड़चन है। महायुति में शिवसेना शिंदे गुट 100 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। राकांपा अजित गुट ने 80 से 90 सीटों पर दावा किया है।
बावनकुले ने क्या कहा
महायुति के तीनों प्रमुख दलों की प्रशंसा करना चाहिए। कुछ दिनों से चर्चा है कि यह दल 180 सीटों पर चुनाव लड़ेगा, वह दल 80 सीटों पर लड़ेगा। इस तरह के आंकड़ों का अर्थ नहीं है। अब यह तय हुआ है कि केवल जीतने के लिए लड़ना है। जिस क्षेत्र में राकांपा अजित गुट जीत पाएगा वहां उसके दावे को मान्य करेंगे। जहां शिवसेना शिंदे गुट की स्थिति अच्छी पायी जाएगी वहां उसके दावे को मान्य किया जाएगा। भाजपा के दावे को भी दोनों दल मानेंगे। भाजपा के विधायक अमरीश पटेल के बारे में चर्चा है कि वे शरद पवार के नेतृत्व की राकांपा में शामिल होने की तैयारी में है। इस पर बावनकुले ने कहा कि अमरीश पटेल फिलहाल भाजपा में ही है।