नागपुर: मनपा के लिए मुसीबत बनी जलकुंभी, पिछले साल जून माह में शुरू किया गया अभियान

  • नासुप्र के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की विफलता का खामियाजा भुगत रही मनपा
  • प्रति सप्ताह करीब 3 ट्रक अवशेषों को भेजा जा रहा डम्पिंग यार्ड में
  • समूल नष्ट करने वैज्ञानिक प्रक्रिया की आवश्यकता

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-12 13:58 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर. मनपा प्रशासन की ओर से अंबाझरी तालाब से जलकुंभी निकालने का लगातार प्रयास हो रहा है। इस काम के लिए दो पोकलैन के साथ 21 मजदूरों को लगाया गया है। दूसरी ओर तालाब के मध्य से जलकुंभी को नीरी के जलदोस्त की सहायता से जमा कर निकाला जा रहा है। प्रतिदिन जलकुंभी का संकलन कर सप्ताह में तीन बार भांडेवाड़ी के डम्पिंग यार्ड में भेजा जा रहा है, लेकिन अब तक जलकुंभी का स्थायी निराकरण नहीं हो पा रहा है। जानकारों के मुताबिक नासुप्र के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की विफलता से अंबाझरी को जलकुंभी मिल रही है। नपा के घनकचरा व्यवस्थापन कक्ष की ओर से तालाब से जलकुंभी निकालने का प्रयास हो रहा है। पिछले साल जून माह में जलकंुभी निकालने के अभियान शुरू किया गया। प्रत्येक सप्ताह करीब 3 ट्रकों की सहायता से अवशेषों को भंाडेवाड़ी डम्पिंग यार्ड में भेजा जा रहा है। तमाम प्रयासों के बाद भी जलकुंभी को हटाया नहीं जा पा रहा है। जानकारों का कहना है कि, जलकुंभी को समूल नष्ट करने वैज्ञानिक प्रक्रिया करने की आवश्यकता है। प्राथमिक तौर पर सीवेज का पानी प्रवाह बंद करने की प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए।

सीवेज को बंद करना जरूरी

जलकुंभी का समूल नाश नहीं होने का कारण सीवेज के साथ जलकुंभी का प्रवाह तालाब में हो रहा है। अब तालाब के भीतर बेहद तेजी से जलकंुभी फैलने लगी है। ऐसे में सीवेज के प्रवाह को बंद कर तालाब के भीतर मौजूद जलकुंभी के बीजों को रसायन की सहायता से समाप्त करना होगा। इस जटिल प्रक्रिया को पूरा करने के लिए नासुप्र की ओर से कोई भी ठोस पहल नहीं हो पा रही है।

क्या है मामला

नागपुर सुधार प्रन्यास की ओर से वाड़ी और हिंगना से आने वाले सीवेज को ट्रीटमेंट करने के लिए एसटीपी को बनाया गया है। इस एसटीपी के लिए करीब 3 नालों के पानी को रोककर संकलन कर ट्रीटमेंट करने का दावा किया गया था, लेकिन एसटीपी का बेहतर रूप में क्रियान्वयन नहीं होने से सीवेज का ट्रीटमेंट नहीं हो पा रहा है। ऐसे में नालों का जमा पानी अंबाझरी तालाब में पहुंच रहा है। इस गंदे पानी से अंबाझरी में इकार्निया यानि जलकुंभी पैदा हो रही है। प्रतिदिन जलकुंभी निकालने के बाद भी तालाब से पूरी तरह से इसका सफाया नहीं हो पा रहा है। नासुप्र के कारण मनपा को प्रतिदिन अपने संसाधनों को खर्च कर बेवजह की मशक्कत करनी पड़ रही है।

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