भांडाफोड़: करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी के मामले में वर्धा की महिला डॉक्टर गिरफ्तार, ठगी का आरोप
- ऑनलाइन फारेक्स ट्रेडिंग शेयर में निवेश के नाम पर करोडों की ठगी का आरोप
- आर्थिक अपराध शाखा पुलिस की पहल पर नंदनवन थाने में 12 आरोपियों पर मामला दर्ज
डिजिटल डेस्क, नागपुर। ऑनलाइन फाॅरेक्स ट्रेडिंग में निवेश करने पर 5 से 15 प्रतिशत लाभ मिलने का झांसा देकर कई निवेशकों के साथ करोडों रुपए की धोखाधडी किए जाने का मामला सामने आया है। इस मामले में नंदनवन थाने में चिकित्सक दंपति सहित 12 आरोपियों के खिलाफ विविध धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। करोडों रुपए की धोखाधडी के इस प्रकरण में आर्थिक अपराध शाखा पुलिस विभाग ने वर्धा की महिला चिकित्सक डा प्रीति नीलेश राउत को गिरफ्तार कर नागपुर लाया है। इस मामले में डा प्रीति राउत के पति डा नीलेश नरेशराव राउत भी आरोपी हैं। अन्य आरोपियों में सूरज मधुकरराव सावरकर सेलु वर्धा, विराज सुहास पाटिल, दहीसर, मुंबई, सुरेंद्र मधुकरराव सावरकर, सेलू वर्धा, प्रियंका खन्ना जालंधर, पंजाब, पी.आर.ट्रेडर्स (प्रिंन्सकुमार), एम आर ट्रेडर्स (राकेश कुमार सिंह), टी.एम ट्रेडर्स (अमन ठाकुर), आर. के. ट्रेडर्स (राहुल कुमार अकेला), मिलन इन्टरप्राईजेस ठाणे व ग्रीनवैली अॅग्रो. कोलकता, वेस्ट बंगाल निवासी का समावेश है। इस मामले का मुख्य सूत्रधार विराज पाटील है, जिसे गत दिनों मुंबई से ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने टीपी ग्लोबल अवैध विदेशी मुद्रा मामले में गिरफ्तार कर कोलकाता ले गई है। वह कोलकाता की जेल में बंद है। उक्त मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा पुलिस विभाग के उपायुक्त अर्चित चांडक के मार्गदर्शन में चल रही है।
क्या है मामला : पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नागपुर निवासी विक्रम बजाज कारोबार से जुडे हैं। उन्होंने नंदनवन थाने में ठगी की शिकायत की थी। इस प्रकरण में धोखाधडी व एमपीआई के तहत प्रकरण दर्ज होने के बाद जांच शुरू की गई। इस दौरान पता चला कि विक्रम बजाज की तरह कई लोगों के साथ धोखाधडी की गई है। धोखाधडी उक्त आरोपियों ने मिलीभगत कर की है। पुलिस को पता चला कि आरोपी सूरज सावरकर ने आई एक्स ग्लोबल कंपनीत आॅनलाईन फाॅरेक्स ट्रेडिंग, शेयर मार्केट, क्रिप्टो मार्केट के संबंध में एज्यूकेशन देने का काम करता है। इसके बारे में पता चलने पर विक्रम बजाज और उनके मित्रों ने स्कीम के बारे में छानबीन की तो उन्हें बताया गया कि ऑनलाईन फाॅरेक्स ट्रेड्रिंग में निवेश करने पर 5 से 15 प्रतिशत लाभ मिलता है। विक्रम और उनके मित्रों ने आरोपियों द्वारा दिए गए पीआर ट्रेडर्स, एम.आर. ट्रेडर्स , आर.के. ट्रेडर्स , ग्रीन वैली एग्रो, टी.एम. ट्रेडर्स, सभी कैनरा बैंक कोलकाता शाखा के अलग- अलग अकाउंट नंबर देकर उसमें टी.पी. ग्लोबल, एफ.एक्स. नामक ब्रोकर वेबसाईट पर पैसे निवेश करने की सलाह दी गई। आरोपियों के बहकावे में आकर विक्रम बजाज व अन्य लोगों ने करीब 1 करोड 21 लाख 40 हजार रुपए सहित करीब 2 करोड 59 लाख 64 हजार 645 रुपए डाल दिए। इसके बाद विक्रम व उनके मित्रों ने पैसे विड्राॅल करने के लिए टी.पी.ग्लोबल फाॅरेक्स ब्रोकर वेबसाईट पर रिक्वेस्ट भेजी कि अभी तक निवेश की गई रकम वापस नहीं मिली। पश्चात विक्रम बजाज और उनके मित्रों के ध्यान में आ गया कि उक्त सभी आरोपियों ने मिलीभगत कर उनके साथ ठगी की है। विक्रम बजाज ने नंदनवन थाने में शिकायत की।
पुलिस ने धारा 420, 406, 34, सहधारा 66(ड) , 3 एम.पीआई. के तहत मामला दर्ज किया गया। इसके बाद आर्थिक अपराध शाखा पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। गुप्त सूचना व तकनीक के आधार पर पुलिस ने सबसे पहले आरोपी डाॅ. प्रीति नीलेश राउत वर्धा निवासी को गिरफ्तार किया। इस महिला डाक्टर की तलाश में जब नागपुर की आर्थिक अपराध शाखा पुलिस के दस्ते ने वर्धा में पहुंचकर खोजबीन कर रहे थे तब वह पुलिस गिरफ्त में आ गई। उन्हें नागपुर लाने के बाद न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय ने उन्हें 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजने का आदेश दिया है। डा प्रीति के पति डा नीलेश की भी तलाश की जा रही है। उपायुक्त चांडक के मार्गदर्शन में पुलिस निरीक्षक रविंद्र पवार व सहायक पुलिस निरीक्षक कल्पना चव्हाण ने दस्ते के साथ कार्रवाई की।
आलीशान होटलों में शिविर आयोजित : पुलिस सूत्रों के अनुसार नागरिकों को निवेश करने के लिए आलीशान होटलों में शिविर का आयोजन किया जाता था। उस शिविर में एजेंट के रुप में डाक्टर दंपति की तरह अन्य एजेंट भी मौजूद रहकर अपने अनुभव साझा करते थे। डाक्टर दंपति की बातें सुनने के बाद लोग निवेश करने पर तैयार हो जाते थे। इन्हीं बातों का फायदा शिविर में उठाकर निवेश कराया जाता था। निवेशक को शुरूआत में फायदे दिलाए जाते थे, यह महज उनका बडा निवेश करने तक भरोसा जीतने के लिए होता था। बडा निवेश करने पर ठगी का खेल शुरू हो जाता था। आलीशान होटलों में आयोजन किए जाने से कोई भी ज्यादा सवाल जबाब नहीं करता था, क्योंकि वहां पर निवेशकों का समुपदेशन किया जाता था।