नागपुर: कुलगुरु डॉ. चौधरी ने संभाला कार्यभार, शैक्षणिक- सामाजिक संगठनों ने किया स्वागत
- अवधि समाप्त, हाई कोर्ट के आदेश पर अमल
- सरकार ने चुनौती नहीं दी
- कार्यक्रम में रहे उपस्थित
डिजिटल डेस्क, नागपुर. राज्यपाल द्वारा निलंबित कुलगुरु डॉ. सुभाष चौधरी ने आखिरकार गुरुवार को सुबह राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के कुलगुरु पद का फिर से कार्यभार संभाला। इस समय विभिन्न शैक्षणिक और सामाजिक संगठनाें ने डॉ. चौधरी का स्वागत किया। जमनालाल बजाज प्रशासकीय भवन के सभागृह में स्वागत समारोह का आयोजन किया गया था। बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने डॉ. सुभाष चौधरी की याचिका मंजूर करते हुए राज्यपाल द्वारा दिया गया निलंबन का फैसला रद्द किया था। साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाने के लिए चार सप्ताह का समय दिया था। तब तक आदेश का अमल करने पर कोर्ट ने अंतरिम रोक लगाई थी, लेकिन सरकार द्वारा हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं दी गई। यह अवधि समाप्त होने के कारण हाई कोर्ट का आदेश अपने आप अमल में आया। इसलिए गुरुवार को छुट्टी होने के बाद भी डॉ. सुभाष चौधरी ने नागपुर विश्वविद्यालय के कुलगुरु पद का कार्यभार संभाला।
डॉ. चौधरी ने क्या कहा
डॉ. सुभाष चौधरी ने शैक्षणिक विकास की जानकारी देते हुए कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न पदों पर काम करने के बाद, वह कॉलेज स्तर पर विकास के लिए आने वाली कठिनाइयों से अवगत थे। इससे विश्वविद्यालय स्तर पर कॉलेज के साथ-साथ स्वायत्त विभागों के विकास में भी समुचित लाभ मिल रहा है। नागपुर विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग के लिए नई शिक्षा नीति लागू करने वाला महाराष्ट्र का पहला विश्वविद्यालय है। अाज विश्वविद्यालय में बड़ी मात्रा में शोध होता है। इसे समाज के लिए और अधिक उपयोगी बनाने के लिए विभिन्न उपायों की योजना बनाई जा रही है। सभी के सहयोग से इसे हासिल किया जा सकता है और आगे भी सभी का सहयोग अपेक्षित है।
कार्यक्रम में रहे उपस्थित
इस अवसर पर प्र-कुलगुरु डॉ. संजय दुधे, कुलसचिव डॉ. राजू हिवसे, वित्त एवं लेखाधिकारी हरीश पालीवाल, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संकाय के अधिष्ठाता डॉ. प्रशांत माहेश्वरी, मानविकी संकाय अधिष्ठाता डॉ. शामराव कोरेटी, वाणिज्य एवं व्यवस्थापन संकाय अधिष्ठाता डॉ. संजय कवीश्वर, इंटरडिसिप्लिनरी स्टडीज विभाग के अधिष्ठाता डॉ. प्रशांत कडू, आईआईएल निदेशक डॉ. राजेश सिंह, निदेशक, खेल एवं शारीरिक शिक्षा बोर्ड निदेशक डॉ. शरद सूर्यवंशी, राष्ट्रीय सेवा योजना संचालक डॉ. सोपानदेव पिसे, विद्यार्थी विकास विभाग निदेशक डॉ. मंगेश पाठक, नॉलेज सोर्स सेंटर निदेशक डॉ. विजय खंडाल, शताब्दी कक्ष के समन्वयक डॉ. संतोष कसबेकर, डाॅ. अनंत पांडे, श्री गुरुदेव सेवा मंडल के ज्ञानेश्वर रक्षक, पूर्व विभागाध्यक्ष डाॅ. गोवर्धन खेडकर, कर्मयोगी फाउंडेशन के पंकज ठाकरे सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, विश्वविद्यालय कर्मचारी संघों के पदाधिकारी, विभिन्न सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी, नागरिक और छात्र उपस्थित थे।