लोकसभा चुनाव: परिणाम को लेकर बढ़ी बेचैनी, रामटेक-चंद्रपुर-अमरावती पर सबसे अधिक चर्चा

  • नागपुर- जीत के अंतर का लक्ष्य पाना चुनौती
  • चंद्रपुर को लेकर विशेष चर्चा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-02 07:11 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर. लोकसभा चुनाव परिणाम को लेकर विविध संस्थाओं के सर्वे अनुमानों ने हलचल बढ़ा दी है। अधिकतर संस्थाओं की रिपोर्ट का दावा है कि राज्य में पहले व दूसरे चरण के मतदान में भाजपा गठबंधन को विदर्भ में नुकसान उठाना पड़ सकता है। ऐसे में इस क्षेत्र में सबसे अधिक चर्चा में रही लोकसभा सीटों पर कार्यकर्ताओं में बेचैनी बढ़ गई है। विशेषकर रामटेक, चंद्रपुर व अमरावती क्षेत्र चर्चा में है। नागपुर को लेकर यही दावा किया जा रहा है कि यहां जीत के अंतर के दावे को भाजपा पूरा नहीं कर पाएगी। भाजपा गठबंधन को नुकसान का प्रभाव भाजपा गठबंधन के कुछ नेताओं पर भी पड़ सकता है।

नागपुर- जीत के अंतर का लक्ष्य पाना चुनौती

अनुमानों के अनुसार नागपुर लोकसभा क्षेत्र में भाजपा के लिए जीत के अंतर के लक्ष्य को पाना बड़ी चुनौती है। दावा किया गया था कि नितीन गडकरी 5 लाख से अधिक मतों के अंतर से जीतेंगे, लेकिन चुनाव के समय ही कई स्थितियां बदली नजर आईं। मतों को लेकर विविध समीकरण सामने आए। अब दावे किए जा रहे हैं कि कम मतों के अंतर से ही सही, लेकिन भाजपा जीत कायम रखेगी।

चंद्रपुर को लेकर विशेष चर्चा : विदर्भ में लोकसभा की 10 सीटें हैं। 2019 के चुनाव में भाजपा गठबंधन ने चंद्रपुर छोड़कर सभी 9 सीटें जीती थी। इस बार विदर्भ में उम्मीदवारी को लेकर चंद्रपुर से ही हलचल शुरू हुई। चंद्रपुर में 4 बार सांसद रहे हंसराज अहिर के स्थान पर वनमंत्री सुधीर मुनगंटीवार को उम्मीदवार बनाने की तैयारी की गई। तब मुनगंटीवार ने कहा था- मैंने भगवान से प्रार्थना की है कि मुझे उम्मीदवारी न मिले, लेकिन भाजपा ने उन्हें ही उम्मीदवार बनाया। कांग्रेस ने दिवंगत सांसद बालू धानाेरकर की पत्नी प्रतिभा धानोरकर को उम्मीदवार बनाया। आरंभ में प्रतिभा के बजाय शिवानी वडेट्टीवार को उम्मीदवार बनाने की मांग कांग्रेस में की जा रही थी। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार की पुत्री शिवानी ने चुनाव लड़ने की तैयारी भी कर ली थी। प्रतिभा को कांग्रेस की उम्मीदवारी के बाद कांग्रेस में गुटबाजी की आशंका व्यक्त की जा रही थी, लेकिन मतदान के पहले ही अचानक भाजपा के विरोध में माहौल बनने के दावे सामने आए। अब एक्जिट पाेल भी दावे कर रहे हैं कि चंद्रपुर में कमल मुर्झा सकता है।

रामटेक में रश्मि बर्वे के जाति प्रमाण पत्र व उम्मीदवारी रद्द होने का मामला असर करता दिखाया जा रहा है। अनुमान है कि भावनात्मक मुद्दे के बल पर कांग्रेस उम्मीदवार श्याम बर्वे महायुति उम्मीदवार राजू पारवे से आगे निकल सकते हैं।

अमरावती में महायुति उम्मीदवार नवनीत राणा के भाजपा के साथ बनते-बिगड़ते रिश्ते चर्चा में रहे। नवनीत भले ही भाजपा में शामिल हुईं, लेकिन उनके पति विधायक रवि राणा अब भी भाजपा में शामिल नहीं हुए है।

यवतमाल में शिवसेना उद्धव गुट का पलड़ा भारी बताया जा रहा है।

वर्धा, गोंदिया-भंडारा, गडचिरोली, अकोला में भी भाजपा के सामने चुनौती है।

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