नागपुर: सेहत के लिए नुकसानदायक तेल को नहीं परख पा रही टीओएम मशीन, विक्रेताओं की चालाकी के सामने फेल

  • सेहत के लिए नुकसानदायक तेल को नहीं परख पा रही टीओएम मशीन
  • कई बीमारियों को न्यौता

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-07 07:52 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर. बार-बार तेल को गर्म कर उपयोग करने वालों पर नकेल कसने के लिए अन्न व औषधि विभाग ने टीओएम (ट्राइंग ऑइल मेंटेनेस) मशीन ली है। जिसके आधार पर सेहत को नुकसानदेय तेल को परखा जा सकता था। लेकिन लाखों रुपये की यह मशीन बेकार साबित हो रही है। क्योंकि यह मशीन तेल का टोटल पोलर कंपाउंड ही नहीं पकड़ पा रही है। विक्रेताओं की चालाकी के सामने मशीन बेकार साबित हो रही है। ऐसे में अधिकारियों द्वारा इसका उपयोग ही नहीं किया जा रहा है। वर्षों बाद भी इस मशीन के माध्यम से नाममात्र कार्रवाई ही विभाग कर सका है।

हजारों दुकानों का पंजीयन : अन्न व औषधि विभाग में खाद्य पदार्थ दुकानों का पंजीयन करीब 3 हजार से ज्यादा है। जहां जिनका लाइसेंस फरसाण के नाम पर है। यह विक्रेता अपनी दुकानों से समोसा, कचोरी, पकोड़े आदि नाश्ते के आइटम्स बेचते हैं। लेकिन हर बार की शिकायतें हैं, कि इनके पास से मिलनेवाला नाश्ता पूरी तरह से सुरक्षित नहीं होता है। जिसका मुख्य कारण विक्रेता एक ही तेल का बार-बार प्रयोग करते हैं।

इसलिए हो रही मशीन फेल : सूत्रों के अनुसार विक्रेता कढ़ाई में तलनेवाले तेल में थोड़ा-थोड़ा तेल एड करते रहते हैं। ताकि उनके द्वारा तले जानेवाले पदार्थ पूरी तरह से तेल में डूब सकें। ऐसे में मशीन द्वारा 4 दिन पुराने तेल की जांच करने पर भी इसका टोटल पोलर कंपाउंड ज्यादा नहीं बता रहा है।

कई बीमारियों को न्यौता : एक ही तेल को बार-बार गर्म करके उपयोग में लाये जाने से तेल का टोटल पोलर कंपाउंड बढ़ जाता है। जोकि कई बीमारियों को न्यौता देती है। ऐसे में इन पर लगाम कसने के लिए विभाग की ओर से कई बार कार्रवाई करनी चाहिए, लेकिन आंखों देखा तेल का हाल समझना कठिन जा रहा था। जिसके कारण कई विक्रेता इससे बच जाते थे। लेकिन एक वर्ष पहले ही टीओएम मशीन की खरीदी की है। जिसके माध्यम से लगाम कसने की उम्मीद थी। यह मशीन कढ़ाई के तेल के आधार पर उसकी गुणवत्ता बताने में सक्षम है।

ऐसे समझें टोटल पोलर कंपाउंड जांच : ट्राइंग ऑइल मेंटनेस मशीन तेल में टोटल पोलर कंपाउंड दर्शाती है। यदि तेल का टीपीसी 25 के ऊपर है, तो इसका मतलब तेल का इस्तेमाल कई बार हो चुका है। वहीं इससे बननेवाले पदार्थ सेहत को नुकसानदेय हैं। लेकिन अधिकारियों की मानें तो मशीन तेल की खामियों को पकड़ ही नहीं पा रही है। जहां भी जांच होती है, टोटल पोलर कंपाउंड 25 के नीचे ही दिखा रहा है।

के. जयपुरकर, सह आयुक्त, अन्न व औषधि विभाग के मुताबिक मशीन द्वारा कुछ स्थानों पर कार्रवाई की है। लेकिन ज्यादातर मामले में मशीन तेल का टोटल पोलर कंपाउंड बराबर ही दिखा रही है। जिससे कार्रवाई नहीं की जा सकती है। मशीन का उपयोग लगातार हो रहा है।


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