जागरूकता: विद्यार्थियों को बताई ओजोन संरक्षित करने की नई तकनीक

  • छात्रों को समझाया रसायन विज्ञान का महत्व
  • ओजोन संरक्षित करने की नई तकनीक
  • विद्यार्थियों को जानकारी

Bhaskar Hindi
Update: 2023-09-19 12:31 GMT

डिजिटल डेस्क, वाड़ी (संवाददाता). जवाहरलाल नेहरू कला, वाणिज्य एवं विज्ञान महाविद्यालय में रसायन विज्ञान विभाग द्वारा विश्व ओजोन दिवस पर विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संजय टेकाड़े ने की। जबकि मुख्य वक्ता पर्यावरण विज्ञान विभाग के पूर्व प्रमुख एवं रसायन विज्ञान विभाग, शासकीय विज्ञान संस्थान, नागपुर के प्रोफेसर डाॅ. सुनील गणात्रा ने अपने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन में छात्रों को ओजोन छिद्र के बारे में विस्तार से जानकारी दी और बताया कि यह किस प्रकार मानव जीवन को बुरी तरह प्रभावित करता है और इसके कारणों के बारे में बताया। उन्होंने ओजोन गैस के उत्पादन की श्रृंखला के बारे में बताया और बताया कि छात्र ओजोन गैस का संरक्षण कैसे कर सकते हैं और इसके बारे में जागरूकता कैसे पैदा कर सकते हैं।

छात्रों को समझाया रसायन विज्ञान का महत्व

कार्यक्रम के आयोजक सह रसायन विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो.डॉ. नितिन कोंगरे के मार्गदर्शन में अंतर महाविद्यालय प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के आयोजन का उद्देश्य छात्रों को रसायन विज्ञान के प्रति रुचि पैदा करना और छात्रों को रसायन विज्ञान के महत्व को समझाना है क्योंकि यह दैनिक समृद्ध मानव जीवन में अंतर्निहित है। प्रतियोगिता का विषय "रासायनिक और पर्यावरण विज्ञान के बारे में सामान्य जागरूकता" है और प्रतियोगिता में नागपुर विश्वविद्यालय के कई कॉलेजों के छात्रों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।

यशवंतिनी बावुतकर को प्रथम पुरस्कार

ऑनलाइन क्विज प्रतियोगिता में एल.ई.डी कॉलेज, नागपुर की छात्रा यशवंतिनी बावुतकर को प्रथम पुरस्कार, रितिका घोग, गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, नागपुर को दूसरा पुरस्कार और भालेराव साइंस कॉलेज, सावनेर की पायल लांबट को तीसरा पुरस्कार मिला। देश के अमृत महोत्सव के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन के तहत अंतर महाविद्यालय प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। परिचयात्मक प्रो. डॉ. मनीषा भातकुलकर द्वारा किया गया। संचालन प्रोफेसर डाॅ. अविनाश इंगोले ने तो धन्यवाद प्रो. प्रणाली उमरेडकर ने दिया। इस समय प्रो.डॉ. नरेन्द्र घराड़, प्रो.डॉ. गजानन झाडे, प्रो.डॉ. सुधाकर बोरकर, प्रो.डॉ. अर्चना देशमुख, प्रो.डॉ. लीना फाटे, प्रो.डॉ. प्रेमा कुरेकर, प्रो.डॉ. नाभा कांबले और कॉलेज के सभी प्रोफेसर और छात्र उपस्थित थे। 

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