समस्या: आयुष्मान भारत कार्ड का काम कछुआ गति से चल रहा, जरूरतमंद हो रहे योजनाओं से वंचित
- नेटवर्क और सर्वर डाउन की समस्या
- कर्मचारी के साथ कार्ड बनाने आने वाले हो रहे परेशान
- 5 मिनट का काम आधे घंटे में भी नहीं हो पाता पूरा
डिजिटल डेस्क, नागपुर । विविध योजनाओं का लाभ पाने के लिए सरकारी स्तर पर ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी कर प्रमाण-पत्र या कार्ड मिलता है। प्रधानमंत्री जन स्वास्थ्य योजना व महात्मा ज्योतिबा फुले जनस्वास्थ्य योजना का लाभ पाने के लिए आयुष्मान भारत कार्ड योजना शुरू की गई है। केंद्र सरकार की इस योजना में लाभार्थी को 5 लाख रुपए तक मुफ्त स्वास्थ सेवा देने का प्रावधान है। इस योजना का लाभ पाने के लिए आयुष्मान भारत कार्ड बनाना पड़ता है। विविध स्वास्थ्य केंद्र समेत आयोजित शिविर के माध्यम से कार्ड बनाए जा रहे हैं, लेकिन कार्ड बनाने की गति धीमी है। एक केंद्र पर औसत 150 कार्ड बनने चाहिए, वहां अधिकतम 90-100 कार्ड ही बन पा रहे हैं। इसके पीछे नेटवर्क व सर्वर डाउन प्रमुख कारण बताया जा रहा है। इस समस्या का कोई हल न निकल पाने व कार्ड न बन पाने से कई गरीब और जरूरतमंदों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
कर्मचारी व लोग होते हैं परेशान : प्राप्त जानकारी के अनुसार नागपुर जिले में कुल 3324917 कार्ड बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह लक्ष्य 2022 मेें निर्धारित किया गया था। इसमें महात्मा ज्योतिबा फुले जनस्वास्थ्य योजना के 1925180 व प्रधानमंत्री जन स्वास्थ्य योजना के 1399737 लाभार्थियों का समावेश है। करीब दो साल में कुल लक्ष्य के 37 फीसदी कार्ड ही बन पाए हैं। यह स्थिति 10 जनवरी 2024 तक है। यानी 1219059 कार्ड ही बन पाए हैं। शेष 63 फीसदी यानि 2105858 कार्ड बनाना बाकी है।
अचानक गति धीमी हो जाती है : जिले में 500 कर्मचारी कार्ड बनाने के काम में लगे हुए हैं। सूत्रों के अनुसार कार्ड बनाने की गति धीमी हो जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी मोबाइल नेटवर्क की समस्या बनी हुई है। बार-बार नेटवर्क के चले जाने से काम में बाधा पैदा होती है। वहीं सेंट्रल सर्वर भी बार-बार डाउन हो जाता है। इस कारण भी कार्ड बनाने में विलंब होता है। एक बार सर्वर डाउन होने पर आधा-आधा घंटा इंतजार करना पड़ता है। जो कार्ड 5 मिनट में बन सकता है, उसे आधे घंटे से अधिक समय लग जाता है। इस कारण कर्मचारियों के साथ ही कार्ड बनाने आनेवाले लोग भी परेशान हो जाते हैं।