नागपुर: पेंच व्याघ्र प्रकल्प में बाघिन की मौत, नागपुर में मगरमच्छ को हार्ट अटैक

  • पर्यटकों ने बाघिन को उल्टी करते देखा
  • शाम को एक बाघिन की मौत
  • महाराजबाग की घटना - मगरमच्छ को हार्ट अटैक

Bhaskar Hindi
Update: 2024-04-03 13:39 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर. पेंच में सोमवार की शाम को एक बाघिन की मौत हो गई। वन विभाग की टीम ने शव विच्छेदन कर अंतिम संस्कार किया। बताया गया कि बाघिन को कुछ देर पहले ही पर्यटकों ने उल्टी करते देखा था। उसके थोड़ी देर बाद ही उसकी मौत हो गई थी। वन विभाग ने पूरे परिसर को सर्च किया, लेकिन किसी भी तरह कोई आपत्तिजनक चीज बरामद नहीं हुई है। ऐसे में बाघिन की मौत बीमारी के कारण होने की बात सामने आ रही है। हालांकि वन विभाग ने सैंपल जांच के लिए भेजे हैं। पेंच व्याघ्र प्रकल्प में कुल 50 से ज्यादा बाघ हैं, जिन्हें देखने के लिए प्रति दिन बड़ी संख्या में सैलानी आते हैं। सोमवार को पूर्वी पेंच में कुटुम्बा बीट में सौलानी जब घूम रहे थे, तो उन्हें वहां एक बाघिन दिखाई दी, जो अस्वस्थ लग रही थी। बाघिन ने उल्टी की और वहीं पर गिर गई। इसकी जानकारी तुरंत सैलानियों ने वन अधिकारियों को दी। टीम घटनास्थल पर पहुंची। जांच के दौरान बाघिन को मृत घोषित कर दिया गया। एनटीसीए की गाइड लाइन अनुसार बाघिन का अंतिम संस्कार किया गया।


महाराजबाग की घटना - मगरमच्छ को हार्ट अटैक

महाराजबाग की मादा मगरमच्छ की मंगलवार को मौत हो गई। शव विच्छेदन कर अंतिम संस्कार किया गया। जांच में मौत का कारण हार्ट अटैक व श्वसन संबंधी बीमारी सामने आई है। अब महाराजबाग में केवल एक ही मगरमच्छ रह गया है। जानकारी के अनुसार, उक्त मादा मगरमच्छ को 5 अगस्त 2009 को पीपल्स फॉर एनीमल वर्धा से महाराजबाग लाया गया था। तब से इसे यहां एक नर मगरमच्छ के साथ पिंजरे में रखा गया था। यहां आने वाले सैलानियों के लिए यह आकर्षण का केन्द्र थी। मंगलवार को दोपहर में अचानक उसकी मौत हो गई। काफी देर हलचल बंद होने के बाद जू प्रशासन को इसकी जानकारी मिली, जिसके बाद इसे बाहर निकाला गया। जांच में इसे मृत पाया गया। प्राणी संग्रहालय प्रभारी अधिकारी डॉ. सुनील बावसकर व अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में शव विच्छेदन के बाद इसे परिसर में जलाया गया।



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