युवा आर्यन ने दिया तीन को जीवनदान

एक्सीडेंट के बाद ब्रेन डेड हुआ

Bhaskar Hindi
Update: 2023-09-06 09:17 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। दुनिया से विदा लेकर अनंत की यात्रा पर निकले 19 साल के युवा आर्यन जोशी के अंगदान से तीन लोगों को नया जीवन मिला है। पत्रकार आशीष जोशी का छोटा बेटा आर्यन जोशी ने 19 साल की उम्र पार की थी। वह आर्किटेक्चर की शिक्षा ले रहा था। कुछ दिन पहले वह अपने मित्रों के साथ दोपहिया वाहन से बाहर जा रहा था। वर्धा रोड पर एक कार ने उसके दोपहिया वाहन को पीछे से टक्कर मार दी। मित्रों ने उसे तुरंत एम्स में भर्ती किया। वहां आर्यन का 3 दिन तक उपचार चला, लेकिन उपचार को प्रतिसाद नहीं मिल रहा था। जब उसके मस्तिष्क की जांच की गई, तो रक्तस्त्राव होने का पता चला।

परिवार ने दी सहमति : डॉ. ओम, डॉ. उदित नारंग, डॉ. सुचेता मेश्राम ने आर्यन की मस्तिष्क पेशियां मृत होने की जानकारी दी। उसका ब्रेन डेड होने की पुष्टि की गई। इसकी जानकारी ट्रांसप्लांट समन्वयक प्रीतम त्रिवेदी और प्राची खरे को दी गई। दोनों ने आर्यन के परिजनों का समुपदेशन किया और अंगदान करने के लिए प्रेरित किया। आर्यन की मां स्वाति शिक्षिका हैं। बड़ा भाई अथर्व एमबीए कर चुका है। सुशिक्षित परिवार होने से समय की गंभीरता को देखते हुए अंगदान के लिए सहमति दी गई। कागजी प्रक्रिया पूरी होने के बाद विभागीय अंग प्रत्यारोपण समन्वय समिति के समन्वयक दिनेश मंडपे ने प्रतीक्षा सूची की पड़ताल की। सूची के आधार पर 56 साल के पुरुष मरीज पर लिवर, एम्स के 44 साल के पुरुष मरीज पर एक किडनी और सुपर स्पेशलिटी की 44 साल की मरीज पर दूसरी किडनी प्रत्यारोपित की गई।

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