जज्बा: 600 से अधिक महिलाएं देंगी दसवीं की परीक्षा, मेहनत, मजदूरी कर रात में पढ़ रहीं

  • खेती, मजदूरी से समय निकाल कर पढ़ाई में जुटीं
  • किशोर उम्र से लेकर 70 साल की महिला है शामिल
  • महिलाओं को शिक्षा के प्रवाह में लाने के लिए किरण उपक्रम

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-15 05:36 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर । पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती। इंसान चाहे तो किसी भी उम्र में पढ़ कर अपनी काबिलियत सिद्ध कर सकता है। इसी सूत्र को पकड़कर खेती, मजदूरी कर रही 600 से अधिक महिलाएं इस बार दसवीं की परीक्षा में बैठ रही हैं। जिला परिषद सीईओ सौम्या शर्मा की संकल्पना से चलाए जा रहे किरण उपक्रम ने उनमें पढ़ाई का जज्बा पैदा किया। दिनभर मेहनत मजदूरी कर रात में समय निकालकर परीक्षा की तैयारी कर रही महिलाओं में किशोर उम्र से लेकर 70 साल उम्र पार कर चुकी महिलाआें का समावेश है।

3 हजार महिलाएं उपक्रम से जुड़ीं : सीईओ सौम्या शर्मा ने बताया कि जिले में 3 हजार से अधिक महिलाएं किरण उपक्रम से जुड़ी हैं। गरीबी, पारिवारिक स्थिति, शैक्षणिक सुविधा के अभाव के चलते बीच में पढ़ाई छोड़ चुकी महिलाओं को वापस शिक्षा के प्रवाह में लाने के लिए किरण उपक्रम शुरू किया गया। सभी तहसील के 25 गांवों में यह उपक्रम चलाया जा रहा है। मार्च में होने जा रही माध्यमिक शालांत प्रमाणपत्र परीक्षा में 600 से अधिक महिलाओं ने परीक्षा में बैठने की तैयारी की है।

गत वर्ष की सफलता से प्रोत्साहन : गत वर्ष जिले में 50 से अधिक महिलाओं ने दसवीं कक्षा की परीक्षा दी। उनमें से अनेक परीक्षार्थी अच्छे अंक लेकर उत्तीर्ण हुए। गत वर्ष मिली सफलता से प्रोत्साहन मिलने पर महिलाओं में उत्साह बढ़ा है।

रात में लगता है स्कूल : ग्रामीण क्षेत्र का मुख्य व्यवसाय खेती है। दिन भर खेत में काम करने के बाद घर लौटने पर रात में उनका स्कूल लगता है। घर के सारे काम निपटकर महिलाएं गांव में एक जगह इकट्ठा होती हैं। किरण उपक्रम से जुड़ी महिलाओं के लिए जिला परिषद की ओर से शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध की जाती है। गांव में ही रहने वाली कोई सुशिक्षित व्यक्ति उन्हें विविध कक्षाओं के पाठ्यक्रम पढ़ाकर तैयार किया जाता है। शैक्षणिक क्षमता के आधार पर उन्हें परीक्षा में बैठाया जाता है।

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