उपेक्षा: गाइड को 50 रुपए कम मिल रहा मेहनताना

आनलाइन में गाइड की फीस 475 रुपए दिखाई जा रही, दे रहे 425 रुपए

Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-15 09:12 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर के पेंच टायगर रिजर्व अंतर्गत उमरेड-करांडला में इन दिनों गाइड को दिए जाने वाले शुल्क में 50 रुपए की कटौती हो रही है, जिससे गाइड वर्ग वन विभाग से काफी नाराज है। दरअसल, ऑनलाइन में गाइड फीस 475 दिखाई जा रही है, जबकि गाइड को आरएफओ के माध्यम से 425 रुपए ही दी जा रही है। ऐसे में 50 रुपए कम देने का चित्र सामने है। हालांकि, वन विभाग का कहना है कि, वह गाइड वर्ग की तरक्की के लिए उनके 50 रुपए काट रहे हैं, ताकि गाइड वर्ग का विकास किया जा सके।

बुकिंग के दौरान पर्यटक भरते हैं 475 रु.

नागपुर का उमरेड-करांडला अभारण्य पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र है। यहां करांडला, गोठनगांव व पवनी गेट आते हैं। जहां प्रति दिन 100 के करीब पर्यटक पहुंच रहे हैं। पर्यटक ऑनलाइन ही जिप्सी बुक करते हैं। इसी में गाइड की फीस भी होती है। जंगल भ्रमण के दौरान गाइड पर्यटकों के साथ होता है, जो जंगल व वन्यजीवों के बारे में पर्यटकों को जानकारी देता है। उमरेड-करांडला में कुल 16 गाइड हैं। जिन्हें अभी तक गेट पर ऑफलाइन फीस दी जाती थी, जो 425 होती थी। यानी एक ट्रिप पर उन्हें 425 रुपए दिए जाते थे, लेकिन हाल ही में उमरेड-करांडला अभारण्य पेंच टाइगर िरजर्व अंतर्गत आ गया है, जिसके कारण यहां अब गाइड फीस पेंच व्याघ्र प्रकल्प से भेजी जाती है, जो आरएफओ के माध्यम से गाइड को दी जाती है, लेकिन जानकारी के अनुसार यह शुल्क कटौती कर गाइड वर्ग को दी जा रही है। दरअसल पर्यटक सफारी की बुकिंग करता है, तो उसे सफारी चार्ज 1500, जिप्सी चार्ज 2500 व गाइड फीस 475 भरनी पड़ती है। जिप्सी चालक व गाइड को फिर बाय हैंड पैसे दिए जाते हैं। इसमें जिप्सी चालकों को पूरे ढाई हजार दिए जा रहे हैं, लेकिन गाइड को 425 रुपए ही दिए जाते हैं, जबकि ऑनलाइन में इसकी फीस 475 दिखाई जा रही है। जिसे पर्यटक भर भी रहे हैं। बावजूद गाइड को 50 रुपये कम देने से गाइड वर्ग नाराज है। हालांकि, वन विभाग यह कटौती उन्ही के विकास के लिए कटौती करने की बात कह रहा है।

गाइड की तरक्की के लिए काट रहे हैं, विभाग के पास रहेंगे

पेंच की तरह उमरेड-करांडला में रहने वाले गाइड का विकास किया जाना है, ताकि विदेशी पर्यटकों आदि के सामने वह किसी भी तरह कम न पड़ें। गाइड वर्ग के 50 रुपए वन विभाग के पास ही जमा रहने वाले हैं। जिसे उनके विकास कार्य के लिए खर्च किया जाने वाला है। जैसे प्रशिक्षण, कार्यशाला आदि। एक समय बाद पूरी राशि दी जाने वाली है। -सोनल मते, डीएफओ (अतिरिक्त प्रभार) वाइल्ड लाइफ, वन विभाग नागपुर

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