नागपुर: मेट्रो ब्लड बैंक शुरू करने नए सिरे से होगी पहल, नागरिकों पर पड़ता है आर्थिक बोझ

  • नये मुख्य चिकित्सा अधिकारी करेंगे प्रयास
  • मेट्रो ब्लड बैंक शुरू करने के लिए नए सिरे से पहल

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-11 11:47 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर. शासकीय डागा स्मृति महिला अस्पताल में बहुप्रतिक्षित मेट्रो ब्लड बैंक शुरू करने के लिए नए सिरे से पहल की जाएगी। हाल में यहां नवनियुक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. पुरुषोत्तम मड़ावी इसके लिए प्रयास करनेवाले हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल डागा अस्पताल में जो खामियां हैं, उन्हें दूर करने की दिशा में प्रयास किया जाएगा। इसके लिए सभी तरह की जानकारियां ली जा रही हैं। रक्त की आवश्यकता को देखते हुए डागा में मेट्रो ब्लड बैंक को शुरू करने प्रमुखता दी जाएगी।

करीब 8 साल पहले सरकार ने बड़े शहरों में स्वतंत्र मेट्रो ब्लड बैंक शुरू करने की घोषणा की थी। राज्य के 10 शहरों से इसकी शुरुआत की जानी थी। राज्य के नागपुर समेत नसिक, अहमदनगर, जलगांव अमरावती, चंद्रपुर, परभणी, ठाणे, पुणे और सातारा में केंद्र सरकार की मदद से स्वतंत्र मेट्रो ब्लड बैंक शुरू की जानी थी। तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री दीपक सावंत ने यह घोषणा की थी। लेकिन मुंबई छोड़ किसी भी शहर में इसके लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए। नागपुर में मेट्रो ब्लड बैंक तैयार होते-होते लटक गई है।

शहर में निजी ब्लड बैंक नैट तकनीक युक्त हैं। इसलिए अधिकतर निजी ब्लड बैंकों से रक्त लाने को कहा जाता है। बताया जाता है कि इस तकनीक से रक्त का वर्गीकरण और अतिसूक्ष्म जांच की जा सकती है। इसलिए निजी ब्लड बैंकों में अधिक पैसे की मांग की जाती है। लोगों को आर्थिक बोझ से बचाने के लिए सभी सरकारी अस्पतालों में स्वतंत्र ब्लड बैंक शुरू करने की आवश्यकता है। शासकीय डागा स्मृति अस्पताल में मेट्रो ब्लड बैंक शुरू करने की मंजूरी मिल चुकी है। ब्लड बैंक के लिए अस्पताल परिसर में निर्माणकार्य हो चुका है। इसके लिए जरूरी मशीनें आ चुकी हैं।

कर्मचारियों की नियुक्ति का मामला अटका

इस ब्लड बैंक के लिए 16 कर्मचारियों की नियुक्ति की जानी है। इसकी मंजूरी मिल चुकी है। लेकिन ब्लड बैंक शुरू होने के आसार नहीं दिखने से नियुक्तियां नहीं की गई हैं। इन सभी कर्मचारियों की नियुक्तियां ठेका पद्धति से की जानेवाली हैं। डागा अस्पताल में हर रोज औसत 35 प्रसूति होती है। इनमें से 15 गर्भवती महिलाओं की सिजेरियन होती है। ऐसे में अतिरिक्त रक्त की आवश्यकता होती है। इसके अलावा सिकलसेल व थैलेसीमियो से पीड़ित महिलाओं के लिए यह ब्लड बैंक वरदान साबित होगा। 

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