नागपुर: अनुमति नहीं, फिर भी इमारत की छत पर कारोबारियों ने खोल रखे हैं बार-रेस्टाेरेंट व लाउंज
- धरमपेठ में रेस्टाेरेंट व लाउंज से नागरिक परेशान
- इमारत की छत पर कारोबारियों ने खोल रखे हैं बार-रेस्टाेरेंट
- घरों के सामने पार्किंग हंगामे का कारण
डिजिटल डेस्क, नागपुर, निज प्रतिनिधि। सीमेंट रोड धरमपेठ एक्सटेंशन शिवाजी नगर में वेद सॉलिटेयर नामक 20 मंजिला इमारत में तीन बार-रेस्टाेरेंट व लाउंज संचालित हो रहे हैं। इनमें आने वाले ग्राहक पार्किंग सुविधा नहीं होने के कारण कहीं भी कार पार्क कर चले जाते हैं, जिससे आस-पास के नागरिकों को काफी परेशानी होती है। उनके घर के पास या गेट के सामने तक कारें खड़ी कर दी जाती हैं। इस इलाके में करीब 5-6 बार-रेस्टाेरेंट व लाउंज हैं। यहां किसी भी स्थानीय नागरिक के घर के सामने कार की पार्क कर दी जाती है, जिससे उन्हें अपने ही घर में जाने के लिए दीवार फांदने तक की नौबत आ पड़ती है। युवा तो यह कर लेते हैं, लेकिन अधिकांश घरों में वरिष्ठ नागरिक हैं, जो किसी न किसी बीमारी से पीड़ित हैं। अगर उन्हें अस्पताल ले जाने की जरूरत पड़ी तो क्या होगा, यह उन्हें खुद नहीं पता। परिसर के नागरिकों की शिकायत है कि, उनके घर के गेट के सामने से कार हटाने की बात करने पर कार वाले गाली-गलौज करते हैं। हाल ही में एक वृद्ध को गाली-गलौज करने का मामला सामने आया था। मामला अंबाझरी थाने में पहुंचा था। आरोप है कि, खानापूर्ति कर मामला रफा-दफा कर दिया गया। शनिवार की रात भी ऐसा ही एक मामला सामने आया, जिसके बाद पुलिस अधिकारियों को मौके पर पहुंचना पड़ा था।
घरों के सामने पार्किंग हंगामे का कारण
सूत्रों के अनुसार वेद सॉलिटेयर नामक इमारत प्रफुल्ल देशमुख नामक व्यक्ति की है। यह पूरी कमर्शियल इमारत है। इमारत में जिनके कार्यालय हैं, उनके स्टाफ के लिए ही पार्किंग की सुविधा है। यहां स्टाफ की करीब 15 से 20 कारें और 150 से अधिक दोपहिया वाहनों की पार्किंग सुविधा होने की जानकारी सुरक्षा में तैनात गार्ड ने नाम न छापने की शर्त पर दी। उसने बताया कि, इमारत के अंदर रस्ता रेस्टाेरेंट-बार व लाउंज के अलावा साइक्लोन रेस्टाेरेंट-बार व लाउंज और टीएसएस रेस्टाेरेंट-बार व लाउंज संचालित हो रहा है। गार्ड का कहना है कि, यहां आने वाले ग्राहकों के लिए पार्किंग की सुविधा नहीं है। उनके लिए बाहर पार्किंग की सुविधा दी गई है। इस इलाके में बैरल कैफे व लाउंज, पायरेटेड कैफे व लाउंज और फर्जी कैफे व लाउंज संचालित होते हैं। यहां भी पार्किंग का यही हाल है।
सूत्रों के अनुसार किसी भी इमारत में रूफटॉप पर रेस्टाेरेंट-बार व लाउंज चलाने की अनुमति नहीं है, फिर भी शहर में कई जगह छत पर यह चल रहे हैं। रस्ता रेस्टाेरेंट-बार व लाउंज के मालिक हितेश कंजवानी है। महाप्रबंधक दीपक कुमार दिल्ली निवासी हैं। दीपक कुमार का कहना है कि, पार्किंग की सुविधा करना हमारा काम नहीं है। यह काम इमारत बनाने वाले का है। बावजूद हमने दो गार्ड लगा रखे हैं। साइक्लोन के संचालक शोएब शेख हैं। बैरल के संचालक निखिल चाफले व हरीश गवई हैं। गवई एक पूर्व नगरसेवक का भाई है। पायरेटेड के संचालक आदित्य तिवारी, फर्जी कैफे लाउंज के संचालक यश दुबे हैं। इनकी अंबाझरी थाने व ट्रैफिक विभाग में कई अधिकारी-कर्मचारियों से सांठ-गांठ होने की चर्चा है, जिसके चलते इनके खिलाफ अवैध पार्किंग को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। इतना ही नहीं, इनकी थानेदार स्तर के अधिकारी से लेकर डीबी स्क्वॉड, उपनिरीक्षक स्तर के अधिकारी व चार्ली से जान-पहचान होने के कारण कार्रवाई से बच जाते हैं। चर्चा तो यह है कि, सर्कल इंस्पेक्टर को भी यहां के लोगों की परेशानी के बारे में पता है, लेकिन कोई भी कार्रवाई नहीं की जाती है। चर्चा है कि, क्षेत्र में गश्त करने वाले पुलिस कर्मचारी शराब की बोतलें पाकर ही खुश हो जाते हैं।
धरमपेठ के शिवाजी नगर इलाके में रहने वाले सारड़ा, नायडू, मिश्रा सहित अन्य कई नागरिकों का कहना है कि, उनके घर के गेट के सामने कार पार्किंग बंद करा दी जाए, तो उन्हें हर मुसीबत से छुटकारा मिल जाएगा। इस इलाके में कई सरकारी कार्यालय हैं, जिनके गेट के सामने भी पार्किंग के नाम पर कारें खड़ी कर दी जाती हैं। दो दिन पहले एक सुरक्षा गार्ड ने गेट के सामने कार पार्क करने से मना किया, तो कुछ युवकों ने उसके साथ गाली-गलौज की। यह नजारा रोजाना इस इलाके में देखा जा सकता है। समय रहते इस ओर प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया, तो शिवाजी नगर में किसी दिन बड़ी वारदात हो सकती है। इस इलाके में कई वीआईपी रहते हैं। उनके घर के पास भी रात में पार्किंग की जाती है। सुरक्षा गार्ड मना करता है, तो उससे गाली-गलौज की जाती है। रेस्टाेरेंट-बार व लाउंज में देर रात तक ग्राहकों का आना जाना लगा रहता है, इनमें अधिकांश युवा ग्राहक होते हैं, जो नशे में कार के पास आने के बाद गाली-गलौज करने से बाज नहीं आते हैं।