नागपुर: बाहरी फॉलिक एसिड विटामिन लेने की आवश्यकता नहीं, उपचार की जानकारी है जरुरी

  • डॉक्टरों को सिकलसेल उपचार की जानकारी होना जरुरी है
  • बाहरी फॉलिक एसिड विटामिन लेने की आवश्यकता नहीं

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-14 15:13 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर, चंद्रकांत चावरे। सिकलसेल एक अनुवांशिक बीमारी है। इस बीमारी में रक्त में स्थित हिमोग्लोबिन जन्म से प्रभावित होते रहता है। इसलिए इसके निदान व उपचार के लिए डॉक्टरों को सही जानकारी होना जरुरी है। यदि मरीज में फॉलिक एसिड विटामिन का स्तर नॉर्मल हो, तो उसे बाहरी फॉलिक एसिड विटामिन लेने की आवश्यकता नहीं होती। फॉलिक एसिड का सामान्य स्तर 3 से 17 नैनोग्राम/एमएल होता है। यह विटामिन नियमित भोजन से शरीर को मिलते रहता है। इस कारण फॉलिक एसिड विटामिन का स्तर अधिकतर मामले में सामान्य ही होता है। ऐसे मरीजों को बाहरी फॉलिक एसिड विटामिन लेना जरुरी नहीं होता है। केवल विटामिन के स्तर की जांच करना महत्वपूर्ण होता है। ऐसा डॉ. ज्योतिष पटेल ने बताया। वे एनसीआई में आयोजित कार्यक्रम में विशेष आमंत्रित के रुप में उपस्थित हुए थे। उन्होंने सिकलसेल मरीजों के लिए गुजरात के बारडोली में सिकलसेल ट्रीटमेंट एंड रिसर्च सेंटर की स्थापना की है। उनके इस कार्य में उनकी पत्नी डॉ. भारती पटेल भी कंधे से कंधा मिलाकर मदद करती है।

सिकलसेल में 10 से 30 दिन तक रक्त पेशियां

डॉ. पटेल ने अनुसंधान के आधार पर बताया कि रक्त में हिमोग्लोबिन बनने के लिए आयरन, विटामिन बी 12 व फॉलिक एसिड की आवश्यकता होती है। यह तीनों तत्व भोजन द्वारा शरीर काे मिलते है। राेगी को माता एवं पिता दोनों से सिकलसेल जिन मिलते है। उन्होंने बताया कि एक अनुसंधान से इस बात का पता चला है कि सिकलसेल रोगियों में सामान्य व्यक्ति की तरह 120 दिन की बजाय 10 से 30 दिन तक रक्त पेशियां होती हैं। ऐसे में मरीज को विटामिन की आवश्यकता हो सकती है। ऐसे में बाहरी विटामिन लेना चाहिए या नहीं, इसकी आवश्यकता है या नहीं यह जानना जरुरी होता है। इसके लिए प्राथमिकता से रक्त जांच कर फॉलिक एसिड विटामिन का स्तर मालुम करना चाहिए। इस जांच के बाद ही यह पता चल सकता है कि रोज के भोजन से सही मात्रा में फॉलिक एसिड विटामिन मिल रहा है या नहीं।

हाइड्रॉक्सीयूरिया एकमात्र प्रमाणित औषधी

यदि मरीज में फॉलिक एसिड विटामिन का स्तर सामान्य हो तो उसे बाहरी विटामिन देने की आवश्यकता नहीं होती है। फॉलिक एसिड को लेकर भ्रम बना हुआ है। इसे सिकलसेल का उपचार मानकर बाहरी विटामिन दिया जाता है। यह गलत है। फॉलिक एसिड एक सहायक औषधी के रुप में काम करती है। इसकी जरुरत हो तो ही देना चाहिए। सिकलसेल उपचार में एकमात्र औषधी के रुप में हाइड्रॉक्सीयूरिया ही मान्य है। इसे यूएसएफडीए (यूनाइटेड स्टेट्स फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) ने बरसो पहले प्रमाणित किया है। ऐसा भी डॉ. पटेल ने बताया।

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