टाइगर: पेंच व्याघ्र प्रकल्प में बाघों का कुनबा बढ़ाने दिया जा रहा जोर

  • पूरे पेंच में 41 स्थाई बाघ हैं मौजूद

Bhaskar Hindi
Update: 2023-10-06 05:37 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पेंच व्याघ्र प्रकल्प अंतर्गत वेस्ट पेंच में वन्यजीवों की कमी है। यहां हर्बीवोर यानी शाकाहारी वन्यजीवों के बहुत कम होने से पारिस्थिति की असंतुलन की स्थिति है और बाघों की संख्या भी कम ही है। अब वन विभाग ईस्ट पेंच से शाकाहारी वन्यजीवों को यहां शिफ्ट करने की तैयारी में लगा है, ताकि यहां हिरण, सांबर से लेकर शाकाहारी वन्यजीवों की संख्या बढ़े। वन विभाग का मानना है कि बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए यह कदम आवश्यक है। हालांकि यह बहुत मुश्किल प्रक्रिया है।

41 बाघ मौजूद : महाराष्ट्र का पेंच व्याघ्र प्रकल्प न केवल यहां के, बल्कि बाहरी राज्य के पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केन्द्र है। यहां दो क्षेत्र आते हैं, जिसमें ईस्ट पेंच व वेस्ट पेंच शामिल है। ईस्ट पेंच में सिल्लारी, खुर्सापार, पवनी व चोरबाहुली सहित कुल चार गेट आते हैं। वहीं रेंज की बात करें तो पिपरिया, चोरबाहुली, देवलापार व पवनी शामिल हैं। वेस्ट पेंच में कोलितमारा, खुबाडा, सालईघाट व सुरेवानी गेट आते हैं। कोलीतमारा, सालईघाट व नागलवाड़ी रेंज शामिल है। पूरे पेंच में बाघों की संख्या की बात करें तो 41 स्थाई बाघ यहां मौजूद है। वही बाहर से आने वाले बाघों की संख्या हर महीने 20 के करीब रहते हैं। लेकिन इन बाघों की संख्या ईस्ट पेंच में ही ज्यादा है, जिसका मुख्य कारण यहां हिरण, चितल की संख्या ज्यादा है। ऐसे में पेंच प्रशासन ने अब वेस्ट पेंच में भी बाघों की संख्या बढ़ाने को लेकर नई तरकीब शुरू कर दी है।

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