नागपुर: प्री-पेड का फेर, नए मीटर को लेकर मचा है अंधेर- डिजिटल मीटर का प्रोडक्शन हुआ कम

  • डीसी के अभियंताओं की परेशानी बढ़ी
  • नए मीटर को लेकर मचा है अंधेर

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-05 10:45 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर. प्री-पेड मीटर योजना के कारण बिजली उपभोक्ताओं की स्थिति बहुत विकट बन गई है। प्री-पेड मीटर लगने की संभावनाआें को देखते हुए डिजिटल मीटर का प्रोडक्शन बहुत कम हो गया है। वर्तमान में जो कंपनी मीटर का प्रोडक्शन कर रही है, उसे ही प्री-पेड मीटर का काम मिलने की संभावना है।

नागपुर समेत विदर्भ में 65 लाख प्री-पेड मीटर लगाने का काम अहमदाबाद की मोंटे कार्लो कंपनी को मिला है। महावितरण काे वर्तमान में मुख्यालय मुंबई से मीटर जारी होते हैं। महावितरण को मीटर की आपूर्ति करने वाली कंपनी को ही प्री-पेड मीटर बनाने का ठेका मिलने की संभावना है। प्री पेड मीटर लगाते वक्त पुराने मीटरों को निकालना अनिवार्य है।

 नए मीटर लगाने व खराब हुए मीटरों को बदलने का काम जान-बूझकर धीमा किया

यह काम मोंटे कार्लो कंपनी के प्रतिनिधियों को महावितरण के साथ मिलकर करना होगा। चर्चा है कि नए मीटर लगाने व खराब हुए मीटरों को बदलने का काम जान-बूझकर धीमा किया गया है। भविष्य में इन मीटरों को निकालना है, यही सोचकर काम किया जा रहा है। इधर, नए मीटर का इंतजार करने में ही उपभोक्ताओं का समय बीत रहा है। खराब हुए मीटरों को भी तीन-तीन महीने तक नहीं बदला जा रहा है।

डीसी के अभियंताओं की परेशानी बढ़ी

वितरण केंद्रों में नए मीटर व फाल्टी मीटर बदलने है कि प्रतीक्षा सूची लगातार बढ़ रही है। वितरण केंद्र के इंजीनियरों का कहना है कि 50 मीटर की जरूरत होने पर 20 मीटर मिल रहे हैं। इस कारण प्रतीक्षा सूची लगातार बढ़ रही है। फॉल्टी (खराब) मीटर तो महीनों से नहीं बदले जा रहे। नए कनेक्शन का ही कोटा पूरा नहीं हो रहा, इसलिए फॉल्टी मीटर बदलने का विचार फिलहाल टाला जा रहा है।

मीटर की कमी की समस्या से वरिष्ठ भी अवगत है। प्रोडक्शन क्यों कम हुआ यह पता नहीं है।

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