विभागीय हकीकत: सिग्नल हैं, पुलिस नहीं - 33 थाने, 924 पद रिक्त,159 यातायात कर्मी की है कमी
- हिट एंड रन, ट्रैफिक जाम की बढ़ी समस्या
- हाईकोर्ट ने पुलिस उपायुक्त को लगाई फटकार
डिजिटल डेस्क, नागपुर, निखिल जनबंधू | शहर में हिट एंड रन से लेकर ट्रैफिक जाम की समस्या बढ़ रही है। यातायात सुचारू और नियंत्रित करने को लेकर ट्रैफिक विभाग असफल होता दिखाई दे रहा है। हाई कोर्ट ने भी शहर की ट्रैफिक जाम की समस्या को लेकर नाराजगी जताते हुए सीधे ट्रैफिक विभाग के पुलिस उपायुक्त को फटकार लगाई थी। यातायात विभाग की कार्य प्रणाली पर उठ रहे सवाल के साथ अब विभाग में मैनपावर की कमी होने की भी बात सामने आई है। नागपुर शहर में 33 थाने में कुल 924 पद रिक्त हैं और ट्रैफिक विभाग में कुल 159 पुलिस की कमी है, जिसका खामिजाना आम इन्सान को भुगतना पड़ रहा है।
हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान
शहर में ऐसा एक भी दिन नहीं है, की जिस दिन वाहन दुर्घटना नहीं हो रही है। चारों तरफ विकास कार्य शुरू है, जिसके कारण जाम का सामना करना पड़ रहा है। सिग्नल की बात तो दूर, जहां विकास कार्यों से ट्रैफिक जाम लग रहा है, वहां कर्मी दिखाई नहीं देते। समस्या पर संज्ञान लेते हुए खुद हाई कोर्ट ने यातायात विभाग की असफलता पर सवाल उठाया है।
9 थानों में रिक्तियां भरी गईं
कुल 33 थानों में एमआईडीसी, सोनेगांव, बजाजनगर, हिंगना, मानकापुर, सक्करदरा, हुडकेश्वर, वाठोडा आैर कलमना इन सिर्फ 9 थानों में पुलिस की रिक्तियां भरी गई हैं। 24 थाने मैनपावर की कमी से जूझ रहे हैं।
581 ट्रैफिक पुलिस हैं फिलहाल
एड. सुदीप बदाना ने आरटीआई के तहत अर्जी दायर करते हुए पुलिस विभाग में मंजूर पद और रिक्त पदों के बारे में जानकारी मांगी थी। पुलिस आयुक्त कार्यालय नागपुर शहर की ओर से मिली जानकारी के अनुसार नागपुर ट्रैफिक विभाग में 740 पद मंजूर हैं। उनमें से 581 ट्रैफिक पुलिस कार्यरत हैं और 159 पद रिक्त हैं।
139 पद रिक्त हैं जरीपटका थाने में
नागपुर शहर के कुल 33 पुलिस थानों में पुलिसों के सबसे ज्यादा रिक्त पद जरीपटका थाने में है। जरीपटका थाने में 283 पद मंजूर हैं, उनमें से कुल 139 पद रिक्त हैं। इसके साथ ही गिट्टीखदान 85, लकड़गंज 77, गणेशपेठ 75, पारडी 75, न्यू कामठी 70, आर पी नगर 56, सीताबर्डी 52, पांचपावली 52 पद रिक्त हैं।
4053 पद मंजूर
शहर में कुल 33 पुलिस थाने में 4053 पद मंजूर हैं। उनमें से 924 पुलिस के पद रिक्त हैं। इसका मतलब शहर में आज भी करीबन 23 फीसदी पुलिस के पद रिक्त हैं।