गिरफ्तारी: ऑडिट के लिए रिश्वत लेने वाले पीएफ कमिश्नर व प्रवर्तन अधिकारी को 5 साल की जेल

  • 4 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया
  • मेसर्स एमएस इंडस्ट्रियल सर्विसेज नागपुर ने की थी शिकायत
  • सीबीआई ने आरोपी को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-11 08:02 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सीबीआई की विशेष कोर्ट ने रिश्वतखोरी के एक मामले में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन नागपुर के तत्कालीन क्षेत्रीय आयुक्त-2 सुरेंद्र आजाद व प्रवर्तन अधिकारी अजय पहाडे को 5 साल जेल की सजा सुनाई है, साथ ही 4 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है।

15 लोगों की हुई थी गवाही : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन नागपुर (ईपीएफअो) के प्रतर्वन अधिकारी अजय पहाडे ने शिकायतकर्ता से उसकी पिता की फर्म के लंबित ऑडिट को मंजूरी देने के लिए रिश्वत की मांग की थी। मेसर्स एमएस इंडस्ट्रियल सर्विसेज, नागपुर ने इसकी शिकायत 15 मार्च 2019 को सीबीआई से की थी। सीबीआई ने आरोपी को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने तत्कालीन क्षेत्रीय आयुक्त सुरेंद्र आजाद व अजय पहाडे को आरोपी बनाया था। सीबीआई ने मामले की जांच कर 30 मार्च 2020 को आरोप पत्र सीबीआई की विशेष कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट में 15 लोगों की गवाही हुई थी। विशेष कोर्ट ने 5 साल जेल व 4 लाख जुर्माने की सजा सुनाई।

200 निवेशकों को लालच देकर 10 करोड़ की ठगी ,3 आरोपी गिरफ्तार : कलमेश्वर कलमेश्वर थाना क्षेत्र के ब्राह्मणी में स्थित इकारेंज ग्रीन एनर्जी सोल्यूशन प्रा.लिमिटेड कंपनी में निवेश करने पर प्रतिमाह 3 से 5 प्रतिशत का लाभांश देने का लालच देकर आरोपियों ने करीब 200 से अधिक लोगों से जालसाजी कर 10 करोड़ रुपए की ठगी किए जाने का मामला उजागर हुआ है। प्रकरण में लिप्त 3 आरोपियों को कलमेश्वर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। न्यायालय में पेश करने पर सभी को 19 मई तक पुलिस रिमांड में भेजा गया है।

एजेंट बनकर की जालसाजी : जानकारी अनुसार कंपनी में बतौर एजेंट कार्यरत आरोपी ने निवेशकों को प्रतिमाह 3 से 5 प्रतिशत का लाभांश देने का लालच दिया। बताया जा रहा है कि कुछ दिनों तक निवेशकों को लाभांश की राशि दी गई, लेकिन इसके बाद कंपनी के संचालक आरोपी ईश्वर शेषराव भलावी, शैलेष शंकरराव चौधरी और साथ में काम करने वाले सचिन यावलकर ने राशि देना बंद कर दिया। फरियादी नितेश पंढरी की शिकायत पर 9 लोगों से 75 लाख 10 हजार रुपए की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया। आरोपी ईश्वर भलावी, शैलेष चौधरी और सचिन यावलकर को गिरफ्तार कर लिया है। जांच के दौरान पूछताछ करने पर आरोपियांे ने बताया कि करीब 200 लोगों से अनुमानित 10 करोड़ रुपए से अधिक की राशि जमा की गई। रकम कंपनी में निवेश न करते हुए अपने व्यक्तिगत फायदे के लिए इस्तेमाल की।

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