मुद्दा45: 11 सवाल जो मराठा समाज को परेशान कर सकते हैं, महिलाएं जता चुकी हैं आपत्ति
- ओबीसी आयोग की तरफ से नियुक्त प्रगणक करेंगे सर्वे
- 154 से ज्यादा सवालों की है सूची
- 31 जनवरी के पहले सर्वे का काम करना है पूरा
डिजिटल डेस्क, नागपुर। मराठा समाज व खुले प्रवर्ग के आर्थिक, सामाजिक व शैक्षणिक पिछड़ेपन का सर्वे आज 23 जनवरी से शुरू हो रहा है। ओबीसी आयोग की तरफ से नियुक्त प्रगणकों द्वारा यह सर्वे किया जा रहा है। संबंधित समाज के लोगों को 154 से ज्यादा सवाल किए जाएंगे। मराठा समाज के संबंध में बात करें तो 11 सवाल ऐसे हैं, जो विशेषकर महिलाओं को परेशान या विचलित कर सकते हैं। इन सवालों को लेकर महिलाएं इसके पूर्व आपत्ति भी जता चुकी हैं। 154 से ज्यादा सवालों की सूची में जो सवाल परेशानी खड़ी कर सकते हैं, वे इस प्रकार हैं।
एक फार्म भरने को लग सकता है एक घंटे से अधिक का समय : मराठा समाज व खुले प्रवर्ग को सर्वे के दौरान 154 से ज्यादा सवालों से गुजरना पड़ सकता है। जो साफ्टवेयर तैयार किया गया है, उसमें ये सारे सवाल फीड हैं। संबंधितों से जो जवाब मिलेंगे, उसे भी ऑनलाइन ही फीड करना है। पूरी गंभीरता से सवाल-जवाब का सिलसिला चला आैर उसे फीड किया गया तो एक फार्म भरने में एक घंटे से अधिक का समय लग सकता है। इतनी पेचीदगी में पड़ने की बजाय शॉर्ट कट की रणनीति अपनाने की चर्चा अभी से होने लगी है। 31 जनवरी के पहले सर्वे का काम पूरा करना है।
मोबाइल नंबर भी दर्ज करना है : प्रगणक को संबंधित व्यक्ति के परिवार की पूरी जानकारी के साथ ही आधार कार्ड नं. व मोबाइल नं. भी दर्ज करना है। आधार कार्ड नंबर के आखिरी चार अंक दर्ज करना है। मोबाइल के सभी दस नंबर दर्ज करना है। ऐसे में जो लोग मोबाइल नंबर नहीं देंगे, उसकी भी व्यवस्था प्रगणकों द्वारा करने की चर्चा है।
ट्रेनिंग में छूटा पसीना : 20 व 21 जनवरी को जिन प्रगणकों को ट्रेनिंग दी गई, वे प्रश्नावली का साइज देखकर ही पसीना-पसीना हो गए। इतने सारे सवाल आैर इनके जवाब लेने में जो मशक्कत करनी पड़ेगी, यह सोचकर ही कई प्रगणक सोच में पड़ गए हैं। मास्टर ट्रेनर ने ट्रेनिंग तो दी, लेकिन कुछ सवाल ऐसे हैं, जो एकदम से समझ में नहीं आते।