परिचर्चा: शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, इन्फ्रास्ट्रक्चर उद्योग के क्षेत्र में विकास की दरकार

मध्यप्रदेश में चुनावी सरगर्मी तेज

Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-02 09:01 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न मध्यप्रदेश असीम संभावनाओं के बावजूद अपेक्षित रूप से विकसित नहीं हो सका। शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग, पर्यटन, रोजगार आदि विविध क्षेत्रों में विकास को लेकर जनसामान्य के मन में कुंठा है। बरसों से नागपुर में निवास कर रहे मृूलत: मध्यप्रदेश के निवासियों की निगाहें विकास के उस लक्ष्य की ओर लगी हैं जिसे हासिल करने का सपना बरसों से देखा जा रहा है। मध्यप्रदेश में चुनावी सरगर्मी भी तेज हो गई है। मध्यप्रदेश के स्थापना दिवस के मौके पर इस राज्य के नेतृत्व की बागडोर संभालने को बेताब हाथों से लोगों की असीम अपेक्षाएं हैं। संतरानगरी में निवास कर रहे मूलत: मध्यप्रदेश के निवासियों की मध्यप्रदेश को लेकर अपेक्षाएं जानने के लिए दैनिक भास्कर द्वारा बुधवार को परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस परिचर्चा में सहभागी हुए कुछ चुनिंदा लोगों द्वारा मध्यप्रदेश की वर्तमान स्थिति व जनसामान्य की उम्मीदों पर राय पेश की गई।

स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता : इंदौर, जबलपुर सहित मध्यप्रदेश के कई इलाकों से मरीजों काे संतरानगरी में उपचार के लिए लाया जाता है। मूलभूत स्वास्थ्य सुविधाएं, अत्याधुनिक अस्पताल, कैंसर जैसी घातक बीमारी के उपचार की व्यवस्था उपलब्ध हो तो मरीजों को हो रही असुविधाओं से राहत मिलेगी। उन्हें अन्य राज्यों में जाने से रोका जा सकेगा। -डॉ. सुशील मानधनिया

पलायन रोकना जरूरी : मध्यप्रदेश में आैद्योगिक प्रगति को लेकर विशेष प्रयास की आवश्यकता है। बेरोजगारी की वजह से बड़े पैमाने पर पलायन हो रहा है। शिक्षा के स्तर में सुधार, तकनीकि क्षेत्र में विकास व जागरूकता से पलायन रोका जा सकता है। -विनोद चतुर्वेदी

दबावतंत्र मजबूत हो : जनसामान्य के प्रश्नों को लेकर जनप्रतिनिधियों से सवाल किए जाने चाहिए। इन जनप्रतिनिधियों की जवाबदेही भी तय होनी चाहिए। नागरिक जागरुक रहें तो ही यह संभव है। -देवेश ठाकुर

प्रोसेसिंग यूनिट शुरू करें : कृषि क्षेत्र में प्रगति के बावजूद मध्यप्रदेश में कृषि उपज के लिए प्रोसेसिंग यूनिट की कमी खलती है। यहां कारखानों में वृद्धि व तकनीकि क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता है। -सुनील तिवारी

परिवहन व्यवस्था मजबूत करें : छिंदवाड़ा को दक्षिण के शहरों व उत्तर में दिल्ली से रेलमार्ग से जोड़ने की आवश्यकता है। छिंदवाड़ा बड़ा सब्जी उत्पादक क्षेत्र है तथा यहां सब्जी का बड़ा मार्केट भी है। विकास की दौड़ में पिछड़ापन का बड़ा कारण भ्रष्टाचार है। तामिया, पचमढ़ी जैसे पर्यटन स्थलों में पर्यटकों के लिए आवश्यक सुविधाएं, निवास की व्यवस्था होनी चाहिए। यहां जड़ी-बूटी प्रचुर मात्रा में हैं लेकिन आयुर्वेदिक महाविद्यालय की कमी है। आदिवासियों के आर्थिक विकास के लिए भी प्रयास होने चाहिए। -डॉ राजेंद्र पटोरिया

सुनियोजित विकास हाे : दमोह -नागपुर के लिए ट्रेन सुविधा नहीं है। 3-4 पीढ़ी से लोग पलायन कर रहे हैं। उद्योग नहीं हैं। 4 दशक में विकासक्रम बेहद धीमा रहा। सुनियोजित विकास व रोजगार की आवश्यकता है। -अधिवक्ता अतुल मोदी

राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व करनेवाला चाहिए : मध्यप्रदेश में राजनीतिक जागरूकता बेहद जरूरी है। वर्तमान में ऐसा कोई नेता नहीं जो राष्ट्रीय स्तर पर प्रभावशाली है। प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक प्रतिनिधित्व की आवश्यकता है। भोपाल में 6 विद्यापीठ व 17 आयुर्वेदिक महाविद्यालय है, बावजूद इसके शिक्षा के क्षेत्र में सुधार जरूरी है। -डॉ गोविंदप्रसाद उपाध्याय

आइएएस, आईपीएस अधिकारी बनें : लचर शिक्षा व्यवस्था की वजह से मध्यप्रदेश में प्रशासनिक सेवा में शामिल होनेवालाें की संख्या बेहद कम है। विद्यार्थी आईएएस, आईपीएस अधिकारी नहीं बन पा रहे हैं। बैंकिग क्षेत्र में भी यही स्थिति है। -संतोष दुबे

बालाघाटी होने का गर्व है : मध्यप्रदेश के बालाघाट में रहनेवाले लोग इमानदार हैं। यहां भ्रूण हत्या न के बराबर है। स्त्रियों को सम्मान मिलता है जिससे मुझे बालाघाटी होने पर गर्व है। मप्र मेंअनियंत्रित विकास खटकता है। छोटे शहर व गांव का योजनाबद्ध तरीके से विकास होना चाहिए। -एच.एल.कावरे

विकास की असीम संभावनाएं : राजनीतिक हस्तक्षेप से मध्यप्रदेश में तेज गति से विकास की संभावना है। कई क्षेत्रों में विकास को लेकर रूपरेखा बन रही है। पहले की अपेक्षा अब प्रदेश काफी विकास कर चुका है। कुछ कमियों को यदि दूर कर लिया जाए तो प्रदेश कई गुना तेजी के विकास करेगा। - अशोक विजयवर्गीय

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