लापरवाही: नागपुर के सरकारी अस्पतालों में जन्मे बच्चों का रिकॉर्ड मनपा के पास नहीं
- निजी अस्पतालों से तो डेटा पहुंच रहे
- मेयो, मेडिकल और डागा अस्पताल में कोताही
- लोगों को हो रही परेशानी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर महानगर पालिका के जन्म-मृत्यु विभाग के पास मेयो, मेडिकल व डागा शासकीय स्मृति अस्पताल में पैदा हुए बच्चों व मृतकों का रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। राज्य सरकार ने 1 जुलाई 2023 से इन सरकारी अस्पतालों को जन्म-मृत्यु मामले में रजिस्ट्रार घोषित करते हुए प्रमाणपत्र जारी करने का अधिकार दिया है। इन अस्पतालों को जन्म-मृत्यु का डेटा मनपा के साथ भी साझा करना है।
मृत्यु का भी रिकॉर्ड नहीं : नागपुर शहर (मनपा सीमा) में जन्मे शिशु व मृत लोगों का डेटा मनपा के जन्म-मृत्यु विभाग के पास होता है। शासकीय अस्पतालों व निजी अस्पतालों में कितने बच्चे पैदा हुए आैर कितनों की मृत्यु हुई, इसका डेटा रखने की जिम्मेदारी मनपा की है। मनपा के पास हैं, लेकिन 1 जुलाई 2023 से मेयो, मेडिकल व डागा अस्पताल से जन्म-मृत्यु का डेटा नहीं मिल सका है। नागपुर शहर में पिछले एक साल (1 जनवरी से 31 दिसंबर 2023) में कितने बच्चे पैदा हुए आैर कितनों की मृत्यु हुई, इसका रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। मनपा के पास 30 जून 2023 तक का ही रिकॉर्ड उपलब्ध है। नागपुर शहर (मनपा सीमा) में छह महीने (1 जनवरी से 30 जून 2023) तक 22296 बच्चों को जन्म हुआ, वहीं इस दौरान 13637 लोगों की मृत्यु हुई है।
रिकॉर्ड मांगा गया है मनपा के जन्म-मृत्यु विभाग ने स्पष्ट किया कि सरकार ने 1 जुलाई 2023 से शासकीय अस्पताल मेडिकल, मेयो व डागा को जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने का अधिकार दिया है। सरकार ने अधिसूचना जारी कर इन तीन शासकीय अस्पतालों को रजिस्ट्रार घोषित किया है। इन अस्पतालों में जन्मे व मृत्यु हुए लोगों का प्रमाणपत्र अस्पतालों से ही जारी हो रहा है। जन्म व मृत्यु का रिकॉर्ड इन अस्पतालों ने मनपा के साथ साझा करना चाहिए। तीनों अस्पतालों से इसका डेटा मांगा गया है, लेकिन अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है। डेटा शीघ्र भेजने को कहा गया है। निजी अस्पतालों से नियमित डेटा उपलब्ध हो रहा है।