सावधानी: बारिश की दहशत से अब पेंच की बफर सफारी भी बंद , प्रशासन अलर्ट मोड पर
- पर्यटक भी नहीं पहुंचे 4 दिनों से
- बारिश का लगातार अलर्ट मिलने से निर्णय
- जब तक
डिजिटल डेस्क, नागपुर। गत चार दिनों से बारिश की इतनी दशहत बन गई है, कि अब पेंच की बफर सफारी भी बंद कर दी गई है। जब तक मौसम सामान्य नहीं हो जाता तब तक इसे शुरू करने की उम्मीद नहीं है। बता दें, कि बारिश के दिनों ऑन स्पॉट बुकिंग के साथ पेंच की बफर सफारी शुरू रहती है। जहां पर्यावरण प्रेमी ऑन स्पॉट आकर सफारी का मजा लेते हैं। लेकिन गत चार दिनों से एक भी पर्यटक यहां नहीं आया है। बारिश का लगातार अलर्ट मिलने के कारण वन विभाग भी अलर्ट मोड पर आ गया है।
नागपुर जिले की ही बात करें तो यहां उमरेड करांडला अभयारण्य व पेंच व्याघ्र प्रकल्प की जंगल सफारी है जो पर्यटकों के घूमने के लिए अहम है। ठंड व ग्रीष्म में यहां प्रति दिन सैकड़ों की संख्या में सैलानी पहुंचते हैं। लेकिन बारिश में इन्हें बंद रखना जरूरी होता है। कच्चे रास्ते पुलों से बहता पानी व वन्यजीवों के प्रजनन का वक्त रहने से सफारियों को चार महीने के लिए बंद रखते हुए सैलानियों को जंगल से दूर रखा जाता है। हालांकि बहुत ज्यादा पर्यावरण प्रेमी व अभ्यासकों के लिए कुछ जगह पर व्याघ्र प्रकल्प में बफर सफारी शुरू रखी जाती है। बफर यानी जंगल के बाहर का हिस्सा होता है।
पेंच में कुल 3 सौ स्केयर किमी में फैला बफर एरिया है। जहां वन्यजीव आसानी से दिख जाते हैं। इस बार 1 जुलाई को सभी जंगल सफारियां बंद हो जाने के बाद पेंच ने बफर सफारी को शुरू रखा था। जहां प्रति दिन हरियाली से सराबोर जंगल में घूमने के लिए उत्साहित पर्यटक पहुंच भी रहे थे। लेकिन शनिवार को हुई मूसलाधार बारिश ने इस पर रोक लगा दी। अनहोनी की आशंका में वन विभाग ने बफर की सफारी भी कुछ दिन के लिए बंद रखना सही समझा है। लगातार मिलती भारी बारिश के चेतावनी के कारण जुलाई माह तक तो इसे बंद ही रखने का विचार वन विभाग कर रहा है। इस बीच यदि दो-तीन दिन धूप खिलने पर शुरू करने का विचार किया जा सकता है। ऐसा वन अधिकारियों का कहना है।
बारिश में पेंच का बफर शुरू रखा जाता है। इस बार भी 1 जुलाई से बफर शुरू था, घूमने आने वालों की संख्या भी थी। लेकिन शनिवार के बाद से पर्यटक नहीं आ रहे हैं। भारी बारिश में अनहोनी की आशंका में वन विभाग ने भी एहतियात के तौर पर कुछ दिनों तक इसे बंद रखने का निर्णय लिया है। डॉ. प्रभुनाथ शुक्ला, क्षेत्र संचालक, पेंच व्याघ्र प्रकल्प नागपुर