विकास: नागपुर के मेयो हास्पिटल में 146 करोड़ से तैयार होगा मेडिसिन यूनिट, मरीजों को मिलेगी राहत
- सात मंजिला इमारत के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी
- बिस्तर क्षमता 500 से बढ़कर 1000 हो जाएगी
- क्रम वार शुरू होगा कार्य
डिजिटल डेस्क, नागपुर। इंदिरा गांधी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (मेयो) में बरसों से प्रतीक्षित मेडिकल यूनिट का रास्ता साफ हो गया है। 146 करोड़ रुपए से निर्माणाधीन इस बहुमंजिला इमारत के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। महीनाभर में यहां का काम शुरू होगा।
विविध विभाग व अत्याधुनिक सुविधाएं मेयो अस्पताल में बरसों से बहुप्रतीक्षित मेडिकल यूनिट के निर्माण की जल्द ही शुरुआत होनेवाली है। 146 करोड़ रुपए लागत से बहुमंजिला इमारत का निर्माण किया जाएगा। इस इमारत के निर्माण के बाद यहां की बिस्तर क्षमता 500 से बढ़कर 1000 हो जाएगी। सात मंजिला भव्य इमारत के निर्माण के बाद यहां अनेक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। पहले चरण में मेयो में अत्याधुनिक दुर्घटना विभाग, सेंट्रल क्लिनिकल लैब, आपात वार्ड, मानसोपचार विभाग, त्वचा रोग विभाग, गुप्त रोग विभाग, बाल रोग अति दक्षता विभाग, मेडिसिन अतिदक्षता विभाग, आधुनिक श्वसन विकार विभाग, स्त्री रोग व प्रसूति शास्त्र विभाग, अत्याधुनिक ऑपरेशन थिएटर, अति दक्षता विभाग आदि का काम किया जाएगा। क्रमवार विविध चरणों में यह काम किया जाएगा।
जरूरत के हिसाब से होगा विस्तारीकरण : पहले चरण में 146 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। तल माले समेत 11 माले की इमारत की योजना पूरी करने के लिए काम किया जाएगा। इनमें से शुरुआत में मेडिसिन विभाग के 7 माले का निर्माण किया जानेवाला है। अलग-अलग चरणों में विविध विभाग सेवारत होने के बाद जरूरत के हिसाब से अन्य माले का विस्तारीकरण किया जाएगा। यहां गंभीर बीमारियों से लेकर दुर्घटनाग्रस्तों का उपचार, ऑपरेशन से लेकर सभी सुविधाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध होंगी। मरीजों को रखने के लिए अत्याधुनिक वार्ड व सर्जरी यूनिट भी तैयार किए जाएंगे।
प्रक्रिया आगे क्यों नहीं बढ़ पाई : सूत्रों ने बताया कि मेयो को स्थायी अधिष्ठाता नहीं मिलने से अनेक प्रस्ताव प्रलंबित हैं। हाल ही में यहां नये अधिष्ठाता के रूप में डॉ. रवि चव्हाण ने पदभार संभाला है। मेयो के स्वर्ण महोत्सव वर्ष में मेडिसिन यूनिट के लिए सरकार ने निधि देने का आश्वासन दिया था। किसी कारणवश इस प्रस्ताव की दखल नहीं ली गई थी। इस कारण प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई। वर्तमान जिलाधिकारी डॉ. विपिन इटनकर ने मेडिकल के साथ ही मेयो के विकास को प्राथमिकता देने के लिए पहल की है। उन्होंने ही मेयो की प्रलंबित योजनाओं की दखल ली है। इसके बाद ही निविदा प्रक्रिया पूरी की गई है। महीनाभर में इस इमारत का भूमिपूजन होने की संभावना व्यक्त की गई है।