प्रयास: नागपुर-हैदराबाद के लिए वंदे भारत चलाने का प्रस्ताव, नागपुर रेलवे स्टेशन को विश्व स्तरीय रेलवे स्टेशन बनाने की योजना

  • नागपुर से हैदराबाद जाने वाले यात्रियों की संख्या है अधिक
  • नागपुर से दिल्ली के लिए सीधी ट्रेन सेवा फिलहाल नहीं
  • नागपुर रेलवे स्टेशन के कायाकल्प का काम युद्ध स्तर पर

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-03 08:19 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर से हैदराबाद जाने वाले यात्रियों की संख्या ज्यादा है। दिन प्रतिदिन इस दिशा में वंदे भारत शुरू करने की मांग भी आ रही है। इसे देखते हुए नागपुर-हैदराबाद वंदे भारत का प्रस्ताव भेजा जाएगा। यह जानकारी मध्य रेलवे के महाप्रबंधक रामकरन यादव ने दी है। वह मध्य रेलवे नागपुर मंडल में  पत्र परिषद में बोल रहे थे। वह बडनेरा-नागपुर वार्षिक निरीक्षण के लिए नागपुर आए थे। उन्होंने बताया कि वंदे भारत यात्रियों के लिए अच्छी साबित हो रही है। हैदराबाद के लिए वंदे भारत चलाने का प्रयास किया जाएगा। इसी तरह अयोध्या के लिए नागपुर से कोई ट्रेन चलाने के बारे में उन्होंने मांग आने पर स्पेशल ट्रेन चलाने का आश्वासन दिया है। नागपुर से दिल्ली के लिए सीधी ट्रेन सेवा को उन्होंने तवज्जो नहीं दिया।

नागपुर स्टेशन का कायाकल्प : नागपुर रेलवे स्टेशन के कायाकल्प का काम युद्ध स्तर पर हो रहा है। यात्रियों को अत्याधुनिक प्रणाली की सुविधा दी जाने वाली है। वर्ष 2025 के दिसंबर माह तक नागपुर रेलवे स्टेशन को विश्व स्तरीय रेलवे स्टेशन बनाने की योजना है। हालांकि अजनी रेलवे स्टेशन का नागपुर के साथ ही काम चल रहा है, लेकिन इसे साकार होने में वर्ष 2026 के मई महीने तक इंतजार करना पड़ेगा। गत चार साल से नागपुर-वर्धा थर्ड लाइन का काम तेजी से चल रहा है। ऐसे में इसे पूरा होने में और एक साल का समय लोगा जाएगा। बताया गया कि वर्ष 2025 के मार्च महीने में इसे पूरा करने का रेलवे ने लक्ष्य रखा है।

मौत की जांच एक महीना और : हाल ही में रेलवे अस्पताल में कर्मचारी की मौत का मामला तुल पकड़ा था। कर्मचारियों का आरोप था कि डॉक्टर की लापरवाही से ऐसा हुआ है। ऐसे में इसके लिए जांच समिति गठित की गई थी। महाप्रबंधक ने बताया कि इसकी जांच और एक महीने तक चल सकती है, जिसके बाद जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी।

महाप्रबंधक का अजीब जवाब, किराये में ज्यादा फर्क नहीं : ट्रेनों में एलएचबी कोच लगाने के कारण यात्रियों की पहुंच से स्लीपर कोच दूर होने के सवाल पर महाप्रबंधक ने अजीब जवाब दिया। उन्होंने कहा कि स्लीपर कोच के बदलाव से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है, क्योंकि स्लीपर व एसी-3 के कोच के किराये में ज्यादा फर्क नहीं होता है, जबकि स्लीपर श्रेणी व थर्ड एसी के किराये में करीब 500 रुपए का फर्क होता है, जो एक आम यात्री के लिए काफी मायने रखता है। हाल ही में दुरंतो में स्लीपर कोच की जगह थर्ड एसी के कोच बढ़ाए गए थे, जो खाली जा रहे थे, वहीं स्लीपर कोच ठसाठस भरे होते थे। आलम यह था कि स्लीपर का टिकट लेने वालों को थर्ड एसी में भेजा जा रहा था। ऐसे में प्रतिदिन 11 से 20 लाख रुपए के घाटे में नागपुर-मुंबई-नागपुर दुरंतो एक्सप्रेस चलाई जा रही थी। इस सवाल पर उन्होंने यात्रियों की जरूरत के अनुसार बदलाव की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया गया।

यात्री सुविधाओं का अवलोकन : महाप्रबंधक ने बडनेरा-वर्धा-नागपुर खंड का निरीक्षण किया। इस दौरान विभिन्न स्थानों पर यात्री सुविधाएं, बुनियादी ढांचे और परिचालन दक्षता का आकलन किया गया। टिमटाला स्टेशन पर सुविधाएं, कॉलोनी के बुनियादी ढांचे और (पीआई) प्रणाली को देखा। मालखेड़ और चांदुर के बीच, महाप्रबंधक ने परिचालन परिशुद्धता के महत्व पर जोर देते हुए कर्व नंबर 7 और गैंग यूनिट नंबर 4 का निरीक्षण किया। दिपोरी, धामनगांव के बीच सुरक्षा और दक्षता पर ध्यान दिया। श्री यादव ने तीसरी लाइन के काम की प्रगति की निगरानी की और विभिन्न स्टेशनों पर चल रहे विकास का अवलोकन किया। धामनगांव स्टेशन पर अमृत भारत योजना के तहत काम का मूल्यांकन किया। वर्धा में स्टेशन परिसर, दुर्घटना राहत ट्रेन (एआरटी) रनिंग रूम का निरीक्षण किया। बुटीबोरी में भी महाप्रबंधक ने निरीक्षण किया।

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