विकास: चल रहा विकास कार्य, नागरिकों को असुविधा होने पर एनएचआई ने कोर्ट में माफी मांगी

  • यातायात सुचारू करने मनपा व पुलिस को आदेश देें
  • एनएचएआई ने मांगा सहयोग
  • अगली सुनवाई 21 फरवरी को

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-06 06:29 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर-अमरावती, नागपुर-भंडारा और नागपुर-उमरेड मार्ग पर हाईवे और फ्लाईओवर से सटे सर्विस रोड पर किए जा रहे विकासकार्य के चलते नागरिकों को हो रही असुविधा पर भारतीय राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने  शपथपत्र देकर बॉम्बे हाई कोर्ट के नागपुर खंडपीठ से बिना शर्त माफी मांगी। साथ ही कोर्ट से हाथ जोड़कर अनुरोध किया कि, शहर की सीमा के भीतर अतिक्रमण हटाने और यातायात व्यवस्था सुचारू रखने के लिए मनपा और पुलिस प्रशासन को सहयोग करने के आदेश दिया जाए।

यह है मामला : नागपुर खंडपीठ में एड. अरुण पाटील ने जनहित याचिका दायर कर विदर्भ के बदहाल महामार्गों का मुद्दा उठाया है। सर्विस रोड हाईवे के समानांतर चलती है। मुख्य रूप से स्थानीय यातायात के लिए पहुंच प्रदान करती है और इस प्रकार हाईवे पर यातायात को तेजी से आगे बढ़ाने में कम से कम हस्तक्षेप की सुविधा प्रदान करती है, लेकिन इस सर्विस रोड पर संकरी सड़क, अतिक्रमण और पार्किंग जैसी कई बाधाओं का सामना वाहन चालकों को करना पड़ रहा है। इसलिए कोर्ट ने इस याचिका का दायरा बढ़ाते हुए इसमें सर्विस रोड भी शामिल करने का आदेश दिया है। इनमें नागपुर से अमरावती, नागपुर से भंडारा और नागपुर से उमरेड राजमार्ग के सर्विस रोड शामिल हैं। पिछली सुनवाई को कोर्ट ने एनएचएआई और पीडब्ल्यूडी को मौखिक आदेश देते हुए कहा था कि, केवल कागजी घोड़े न दौड़ाएं, काम करें और सड़कों पर बाधाओं और गड्ढों की समस्या को तुरंत दूर करें। साथ ही कोर्ट ने भोले पेट्रोल पंप से वाड़ी चौक के बीच यातायात समस्या दूर करने के भी आदेश दिए थे।

फेरीवालों के अतिक्रमण से यातायात बाधित : इस मामले में सोमवार को न्या. नितीन सांबरे और न्या. अभय मंत्री के समक्ष सुनवाई हुई। एनएचएआई ने शपथपत्र दायर करते हुए विकास कार्यों के चलते नागरिकों को यातायात में हो रही असुविधा पर नागरिक और कोर्ट की बिना शर्त माफी मांगी। सड़कों पर फेरीवालों के अतिक्रमण के कारण ही सबसे ज्यादा यातायात सुविधा बाधित हो रही है, इसलिए इस समस्या से निपटने के लिए मनपा और पुलिस प्रशासन को सहयोग करने का आदेश दिया जाए। साथ ही कोर्ट ने दिए आदेश के अनुसार एनएचएआई के अधिकारियों ने संबंधित मार्गों का व्यक्तिगत रूप से दौरा किया। रास्ते पर लगे बैरिकेड को हटा दिए हैं और कई अन्य बाधाओं को भी हटाया जा रहा है। इन कार्यों की और महामार्ग पर अतिक्रमण की तस्वीरें भी एनएचएआई ने कोर्ट में प्रस्तुत कीं। याचिकाकर्ता की ओर से एड. फिरदौस मिर्जा और एनएचएआई की ओर से एड. अनिश कठाणे ने पैरवी की। कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई 21 फरवरी को रखी है। 

शपथपत्र में यह भी दी जानकारी: एनएचएअाई ने शपथपत्र में शहर के विभिन्न फ्लाईओवर के बारे में जानकारी दी है। इसके अनुसार अमरावती रोड पर आरटीओ चौक से विद्यापीठ कैंपस चौक तक सीमेंट रोड बनाने का प्रस्ताव है और यह काम मार्च 2025 तक पूरा होने की संभावना है। इंदौरा से दिघोरी चौक तक फ्लाईओवर तीन साल में पूरा हो जाएगा। साथ ही पारडी ब्रिज का 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है और मार्च 2024 तक यह पूरा हो जाएगा।

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