लगाम कसना जरूरी: कचरा कंपनी पर अब मनपा प्रशासन सख्त
- एजी एन्वायरो को अनुबंध रद्द करने का नोटिस
- कंपनी के खिलाफ कड़ी जांच की जाएगी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। मनपा प्रशासन ने कचरा संकलन कंपनी एजी एन्वायरों को अनुबंध रद्द करने नोटिस जारी कर दिया है। 7 दिन के भीतर जवाब मिलने के बाद आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी। अधिकारियों के मुताबिक एजी एन्वायरो कंपनी पर नवंबर 2019 से अक्टूबर 2023 तक करीब 3.46 करोड़ रुपए का दंड लगाया जा चुका है। हालांकि मनपा के प्रतिमाह करीब 3.50 करोड़ रुपए के भुगतान के अनुपात में दंड बेहद मामूली है। कचरा कंपनी की पिछले माह मेडिकल कालेज परिसर से मेडिकल बायोवेस्ट संकलन और कई स्थानों पर मिट्टी मिलाने को लेकर भी शिकायत प्रशासन को मिलती रही है, लेकिन मनपा प्रशासन ने शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया है। दो दिन पहले भी सुसबिडी कंपनी की ओर से कचरे के साथ मृत जानवर लाने की शिकायत की गई थी। इस शिकायत पर भी मनपा ने केवल नोटिस जारी करने की खानापूर्ति की। अधिकारियों का दावा है कि, सभी शिकायतों पर अब जांच शुरू कर दी गई है, लेकिन हमेशा की भांति महज खानापूर्ति की कार्रवाई होने का अंदेशा अब भी बना हुआ है।
अब तक नोटिस देने के अलावा कुछ नहीं किया : पिछले पांच साल से कचरा संकलन एजेंसी एजी एन्वायरो को लेकर मनपा प्रशासन को शिकायत मिलती रही, लेकिन प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। साल भर पहले तक पदाधिकारियों के दबाव के चलते कंपनी को नोटिस देने की खानापूर्ति होती रही है। हालांकि, नोटिस के बाद कार्रवाई को लेकर कोई प्रयास नहीं हुआ। भांडेवाड़ी के वजन कांटे के समीप भी कई बार मिश्रित कचरे में पत्थर, मिट्टी की मिलावट पाई गई। अंबाझरी, जयताला और छोटा ताजबाग परिसर में कंपनी के कलेक्शन प्वाइंट पर मिट्टी मिलाने की शिकायत पश्चिम नागपुर के विधायक विकास ठाकरे ने भी की थी, लेकिन मनपा प्रशासन ने जांच करने तक की जहमत नहीं उठाई। इसके अलावा शहर से सटी नगर पंचायतों का कचरा भी शनिवार और रविवार को लाकर कंपनी डंपिग यार्ड में भेजती रही है।
दो दिन पहले कचरे में मिला मृत जानवर : 13 अप्रैल को सुसबिडी कंपनी से कचरे से गैस बनाने के लिए मनपा ने अनबुंध किया है। अनबुंध के तहत गीला-सूखा कचरा सुसबिडी को देना है, लेकिन कचरे के साथ मृत जानवरों को भी लाया जा रहा है। दो दिन पहले सुसबिडी कंपनी ने भी शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत पर घनकचरा व्यवस्थापन कक्ष ने दोनों कंपनियों को नोटिस जारी किया। नोटिस के मुताबिक भांडेवाड़ी की 9 एकड़ जमीन पर फ्रेश वेस्ट में मृत जानवर लाने की जानकारी दी गई है। नोटिस में मृत जानवरांे के लिए अलग वाहन व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है। ऐसे में जानवरों के शव और अवशेष कचरे में लाने को लेकर नियम एवं शर्त का उल्लंघन होने पर दंडात्मक कार्रवाई का भी निर्देश दिया गया है। हालांकि इस नोटिस पर भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
दो कंपनियों को 7.50 करोड़ प्रतिमाह भुगतान : साल 2019 में दो कंपनियों को शहर के 10 जोन में कचरा संकलन की जिम्मेदारी दी गई। जोन 1 से 5 के लिए 1900 रुपए प्रति टन की दर से एजी एन्वायरो कंपनी और जोन 6 से 10 की 1850 रुपए की दर से बीवीजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को जिम्मेदारी दी गई है। दोनों कंपनियों को मिश्रित कचरा भांडेवाड़ी पहुंचाने, कचरे में मिट्टी मिलाने की शिकायत प्रशासन को मिलती रही है। प्रतिमाह दोनों कंपनियों को 1200 से 1300 मीट्रिक टन कचरा संकलन के बदले में करीब 7.50 करोड़ रुपए का भुगतान होता है। बावजदू कचरे का वजन बढ़ाने के लिए मिट्टी की मिलावट होती है।